वीवीआईपी कल्चर से आम जनता को परेशानी से महामहिम आहत

By: May 23rd, 2018 12:10 am

राष्ट्रपति ने नागरिक अभिनंदन समारोह के दौरान यातायात व्यवस्था प्रभावित होने पर जताया खेद, लोगों का ख्याल रखने की दी नसीहत

शिमला— राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीवीआईपी  कल्चर से आम जनता को पेश आने वाली मुसीबतों पर खेद जताया है। रामनाथ कोविंद का कहना है कि उनके शिमला प्रवास से यातायात व्यवस्था से लेकर आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। राष्ट्रपति सर्वोच्च संवैधानिक पद है, बावजूद इसके मैं एक आम इनसान भी हूं और मेरा यह प्रयास रहता है कि आम नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। जयराम सरकार के अभिनंदन समारोह के संबोधन में भावुक हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वीवीआईपी के आने से प्रशासनिक अमला मेजबानी में जुट जाता है। यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। इस कारण आम नागरिकों को असुविधाएं झेलनी पड़ती हैं। व्यवस्था इस प्रकार बनानी चाहिए कि आम लोगों को कम से कम असुविधा पेश आए। राष्ट्रपति के इस संबोधन पर पीटरहाफ में उपस्थित जनसमूह ने तालियों से महामहिम के विचारों का जोरदार अभिनंदन किया। राष्ट्रपति के साथ उनकी धर्मपत्नी एवं देश की प्रथम महिला सविता कोविंद भी मौजूद रहीं। उन्होंने उत्साहपूर्ण एवं गर्मजोशी से किए गए स्वागत के लिए राज्य सरकार तथा प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रपति को राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने स्मृति चिन्ह, हिमाचली टोपी व शॉल से सम्मानित किया। राष्ट्रपति को इस अवसर पर नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट ने ‘मान पत्र’ भेंट किया। इस दौरान राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की योग्यता ने यह स्पष्ट कर दिया कि गरीबी या कोई वर्ग किसी को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। रामनाथ कोविंद के मकान की छत बारिश में टपकती रहती थी। इससे बचने के लिए उनका पूरा परिवार चूकासन के माध्यम से दीवारों की आड़ लेकर बारिश के पानी से बचता था। उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि रामनाथ कोविंद ने गरीबी को करीब से ही नहीं देखा, बल्कि महसूस भी किया है। सादगी और मानव जीवन के लिए प्रेरणास्रोत रामनाथ कोविंद ने बचपन का जीवन बेहद ही अभावों में गुजारा है। बावजूद इसके जन कल्याण की भावना से रामनाथ कोविंद आज देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है। महामहिम ने पिछड़े वर्ग के मामलों को अपनी वकालत के समय प्रभावी ढंग से अदालतों तक पहुंचाया।

अभिनंदन समारोह तक कर दिया था खारिज

राष्ट्रपति के नागरिक अभिनंदन समारोह के चलते राजधानी के स्कूलों में आधे दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया था। इससे नाराज महामहिम अभिनंदन समारोह में नहीं आना चाहते थे। इस मसले पर डीसी शिमला की भी खिंचाई हुई। अंततः मुख्यमंत्री खुद राष्ट्रपति भवन पहुंच कर महामहिम को मनाने में कामयाब हुए। इसके लिए राष्ट्रपति ने एक ही शर्त रखी कि उनकी मूवमेंट से आम जनता को कम से कम परेशानी हो।

महामहिम ने भेंट की ‘एक ईंट शहीदों के नाम’

रामनाथ कोविंद ने ‘एक ईंट शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत शहीदी स्मारक के निर्माण के लिए बिलासपुर के संजीव राणा को एक ईंट भेंट की। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ वीर भूमि  भी है।

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