सांप…हमीरपुर में हाई अलर्ट जारी

By: May 25th, 2018 12:05 am

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने का किया आह्वान, अभी तक पांच शिकार

हमीरपुर  – हमीरपुर में सर्पदंश का खतरा मंडराने लगा है। सर्पदंश को लेकर स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर ने अलर्ट जारी कर दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सावित्री कटवाल ने बताया कि सतर्कता से ही अपना बचाव किया जा सकता है। यदि पीडि़त को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता है, तो उसका इलाज संभव है। हमीरपुर जिला सांपों की दृष्टि से संवेदनशील है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वर्ष 2017 में सांपों ने 70 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया था। इनमें से तीन लोगों की मौत भी हो गई थी। बता दें कि सर्पदंश के 90 फीसदी से अधिक मामलों में ग्रामीण इलाके के लोग ही शिकार हुए हैं। सांप के काटने के बाद अंधविश्वास व फूंक-झाड़ के चक्कर में पड़ने से मरीज की जान खतरे में पड़़ जाती है। सीएमओ ने बताया कि सर्पदंश के उपचार के लिए अभी भी लोगों में जागरूकता का आभाव है। उन्होंने बताया कि विभाग ने जिला भर के छोटे बड़े सभी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में एंटी स्नेक विनेम की खेप पहुंचा दी है। ऐसा देखा जाता है कि अकसर ग्रामीण इलाकों में लोग नीम-हकीम, झाड़-फूंक व टोने-टोटकों का सहारा लेते हैं। बहरहाल अप्रैल से लेकर अब तक हमीरपुर में स्नेक बाइट के आधा दर्जन से ज्यादा सर्पदंश के मामले सामने आ चुके हैं। मई माह में अब तक हमीरपुर में सांप के डसने की पांच घटनाएं पेश आ चुकी है। तीन युवक व दो महिलाएं सांप के डंक का शिकार हुई हैं। गनीमत यह है कि अब तक घटित सभी घटनाओं में सभी को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सर्पदंश के बढ़ते मामलों के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहत आवश्यक है, ताकि सतर्कता से वे अपना बचाव कर सकें।

सर्पदंश पर क्या करें

सर्पदंश के बाद पीडि़त को बिना समय गवाए, नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, ताकि समय पर चिकित्सक उसका उपचार कर सकें। स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में सर्पदंश का इलाज संभव है। जागरूकता के आभाव से सर्पदंश के अधिकांश मामलों में लोग झाड़-फूंक या टोने-टोटकों में उलझ जाते हैं। इसके चलते पीडि़त का बचना मुश्किल हो जाता है।

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