हास्पिटेलिटी आतिथ्य से आमदनी
कुछ दशक पहले यह परंपरा थी कि अभिभावक अपने बच्चों को डाक्टर, इंजीनियर या वकील ही बनाना चाहते थे। आज अभिभावकों की सोच बदल चुकी है। वे डाक्टर, इंजीनियर और वकील के विकल्प को छोड़ अपने बच्चों के लिए बेहतर अवसरों के अंबार चाहते हैं। उनकी आकांक्षाओं की उड़ान को पंख लगाने में होटल व्यवसाय अहम भूमिका निभा सकता है…
समय के साथ-साथ लोगों के लक्ष्य भी बदल रहे हैं। व्यवसाय से संबद्ध सरोकार बदल रहे हैं। कुछ दशक पहले यह परंपरा थी कि अभिभावक अपने बच्चों को डाक्टर, इंजीनियर या वकील ही बनाना चाहते थे। आज अभिभावकों की सोच बदल चुकी है। वे डाक्टर, इंजीनियर और वकील के विकल्प को छोड़ अपने बच्चों के लिए बेहतर अवसरों के अंबार चाहते हैं। उनकी आकांक्षाओं की उड़ान को पंख लगाने में होटल व्यवसाय अहम भूमिका निभा सकता है। पिछले कुछ दशकों से टूरिज्म और ट्रैवल इंडस्ट्रीज में जबरदस्त ग्रोथ आया है। यही कारण है कि होटल, रेस्टोरेंट और एयरलाइंस में लोगों की मांग काफी बढ़ी है। भारत में इसका विस्तार काफी है और विदेशी धन का सबसे बड़ा स्रोत भी यही है। गौरतलब है कि भारत में सबसे अधिक अंग्रेजी बोलने वाले लोग हैं। होटल मैनेजमेंट की डिग्री हास्पिटेलिटी में करियर बनाने का पहला कदम है। इस करियर क्षेत्र में आप कभी भी खाली बैठे नहीं रह सकते हैं क्योंकि होटल हर शहर में हैं, जहां आप विभिन्न तरह की नौकरी पा सकते हैं। साथ ही, यहां आप जिस भी उम्र वर्ग में हों, आपको काम मिल सकता है। होटल मैनेजमेंट के तहत आपको दो चीजें सीखनी होती हैं, पहला रूम डिवीजन जिसमें फ्रंट सर्विस और हाउसकीपिंग है। दूसरा, फूड एंड बीवरेज है जिसमें उनके प्रोडक्शन और सर्विस व किचन से संबंधित ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा होटल अकाउंटिंग, न्यूट्रीशन और फॉरेन लैंग्वेज की भी जानकारी दी जाती है।
साथ ही संस्कृति, सामाजिक जिंदगी, एथनिक प्रोडक्ट्स, टूरिज्म,स्थानीय रीति-रिवाज भी सिखाए जाते हैं। इस फील्ड में करियर के काफी मौके हैं, जिसके तहत सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के बाहर भी अवसर हैं। होटल चेन वैश्विक स्तर पर कार्य करती हैं। यह काफी ग्लैमरस प्रोफेशन है। होटल इंडस्ट्री के ग्रोथ का मुख्य कारण विदेशी-देशी टूरिज्म और बिजनेस ट्रेवल का बढ़ना है। हास्पिटेलिटी इंडस्ट्री में वे लोग काफी आगे जा सकते हैं, जिनकी रुचि अतिथियों की सेवा करने में होती है। अब होटल मैनेजरों की नियुक्ति बैंक, एयरलाइंस, कॉल सेंटर, मल्टीप्लेक्स शॉपिंग माल्स, कू्रजशिप आदि में होने लगी है। नए ग्रेजुएट के साथ-साथ होटल या रेस्टोरेंट में कार्य करने वाले प्रशिक्षित लोगों की मांग भी काफी है। मार्केटिंग,सेल्स एक्जीक्यूटिव, एफएमसीजी, स्पोर्ट्स कंपनी, मीडिया हाउस, पीआरओ एजेंसी, एडवर्टाइजिंग आउटलेट्स और इवेंट मैनेजमेंट आदि में भी काम मिलता है ।
शैक्षणिक योग्यता
अभ्यर्थी ने अंग्रेजी विषय के साथ बारहवीं की हो, तो निश्चित तौर पर वह इसके बाद तीन वर्षीय होटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल कर सकता है। यदि अभ्यर्थी ने किसी विषय से ग्रेजुएशन किया है तो वह होटल मैनेजमेंट में दो वर्षीय ग्रेजुएट डिग्री कर सकता है। सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुके छात्र तीन महीने से लेकर एक साल की अवधि वाले सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। बारहवीं कर चुके छात्रों के लिए डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के कोर्स हैं। आपकी तरक्की शैक्षणिक योग्यता पर ही निर्भर करती है। होटल इंडस्ट्री का दायरा इतना बड़ा है कि इसमें कम पढ़े-लिखे से लेकर ज्यादा से ज्यादा पढ़े-लिखे के लिए भी आसानी से रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। इसे रोजगार का खुला आकाश कह सकते हैं।
वेतनमान
इस क्षेत्र में वेतनमान इस बात पर निर्भर करता है कि आप सरकारी क्षेत्र में हैं या प्राइवेट सेक्टर में। इसके अलावा वेतन आप के पद और वरीयता के आधार पर निर्धारित होता है। कई कंपनियां होटल प्रोफेशन से संबद्ध अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को अच्छा वेतन देती हैं। फिर भी शुरुआती दौर में 15 से 25 हजार रुपए प्रति माह आसानी से मिल जाते हैं।
विकल्पों की भरमार
रेस्टोरेंट मैनेजमेंट, फास्ट फूड ज्वाइंट मैनेजमेंट, क्लब मैनेजमेंट, क्रिएशन एंड हैल्थ सेंटर मैनेजमेंट, क्रूजशिप मैनेजमेंट, इंस्टीच्यूशनल एंड इंडस्ट्रियल कैटरिंग, एयरलाइन कैटरिंग एंड कैबिन सर्विस होटल एंड कैटरिंग इंस्टीच्य़ूट, होटल एंड टूरिज्म एसोसिएशन कैटरिंग डिपार्टमेंट, बैंक और इंश्योरेंस हाउसेज, सरकारी कैटरिंग डिपार्टमेंट मसलन रेलवे, आर्म्ड फोर्सेज, मिनिस्ट्रियल कन्वेंशन आदि फूड कन्फेक्शनरी, बीवरेज प्रोडक्शन इंडस्ट्रीज आदि में नौकरी की काफी संभावनाएं हैं।
होटल व्यवसाय में चुनौतियां
होटल मैनेजमेंट बेशक बहुत ही अच्छे व्यवसाय का रूप है, लेकिन यह बिजनेस भी कई चुनौतियों से भरा हुआ है। आपको अगर मार्केट में जगह बनानी है, तो यह आपके लिए चुनौती है कि आप किस तरह से होटल इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाकर उसे कायम रख सकते हैं। होटल इंडस्ट्री में सबसे बड़ी चुनौती यह भी है कि लोगों को काफी शिफ्ट में काम करना पड़ता है। इस के लिए काफी स्टाफ की जरूरत होती है। कई बार जब अच्छे ग्रेजुएट लोग नहीं मिल पाते हैं, तो कंपनी डिप्लोमा किए हुए लोगों की नियुक्ति कर लेती है। इसलिए अगर आप ने डिप्लोमा किया है तो भी आप इस इंडस्ट्री का हिस्सा बन सकते हैं।
हिमाचल में अच्छी संभावनाएं
हिमाचल में कई हिल स्टेशन पर्यटन के लिहाज से काफी लोकप्रिय हैं। हर मौसम में यहां पर्यटक लाखों की तादाद में आते हैं। इस हिसाब से यहां पर होटल व्यवसाय का और भी महत्त्व बढ़ जाता है। होटल व्यवसाय में डिग्री. डिप्लोमा कर के युवा अपने ही प्रदेश में बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रदेश के बाहर जाने की जरूरत नहीं है। हिमाचल में होटल व्यवसाय युवाओं की आर्थिकी को बढ़ाने का बेहतर जरिया बन सकता है। सरकार होटल व्यवसाय को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चलाती है ताकि युवा इस क्षेत्र में रोजगार पा सकें।
प्रमुख संस्थान
एफसीआई, धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश)
इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)
हेरिटेज इंस्टीच्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संजौली, शिमला
इंस्टीच्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कुफरी, शिमला
पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर
इंस्टीच्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग टेक्नोलॉजी, गुरदासपुर (पंजाब)
डा. अंबेडकर इंस्टीच्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, चंडीगढ़
कोर्स
डिप्लोमा इन हाउस कीपिंग
डिप्लोमा इन फ्रंट आफिस
डिप्लोमा इन फूड एंड बीवरेज
डिप्लोमा इन फूड प्रोडक्शन
सर्टिफिकेट कोर्स इन होटल एंड कैटरिंग मैनेजमेंट
क्राफ्टमैनशिप कोर्स इन फूड एंड बीवरेज सर्विस
क्राफ्टमैनशिप कोर्स इन फूड प्रोडक्शन
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एकोमोडेशन आपरेशंज एंड मेंटेनेंस
एमएससी इन हास्पिटेलिटी एडमिनिस्ट्रेशन
विविध कार्य
होटल का कार्य बड़े और छोट, दोनों स्तरों पर होता है। मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर जहां होटल को सही तरीके से चलाने को लेकर प्रबंध करते हैं, वहीं बड़े होटलों में सैकड़ों लोग काम करते हैं और विभिन्न स्तरों पर प्रबंधन का कार्य संभालते हैं। टॉप मैनेजमेंट की देखरेख में कई विभाग कार्य करते हैं।
कैटरिंग मैनेजमेंट
इसके तहत बीवरेज मैनेजर, बैंक्वेट मैनेजर, रेस्टोरेंट मैनेजर और फूड व सर्विस मैनेजर आदि होते हैं।
कैटरिंग आपरेशंज
इसके तहत कुलिनरी डिपार्टमेंट, स्टुअर्ड विभाग और फूड सर्विस डिपार्टमेंट आते हैं। फ्रंट आफिस डिपार्टमेंट, फ्रंट आफिस मैनेजर, रिसेप्शनिस्ट, इन्फार्मेशन असिस्टेंट, बेल ब्वॉय आदि।
हाउस कीपिंग डिपार्टमेंट
फ्लोर सुपरविजन, रूम मैनेजर, हाउस कीपर अकाउंटिंग डिपार्टमेंटए मार्केटिंग डिपार्टमेंट, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पर्सनल डिपार्टमेंट, सिक्योरिटी फोरकास्टिंग डिपार्टमेंट।
आवश्यक गुण
होटल मैनेजमेंट के लिए लोगों में कई गुण होने चाहिए। जिसमें धैर्य, शालीनता, सत्कार और सेवा भाव के साथ-साथ निम्न गुणों की जरूरत होती है।
- अच्छी पर्सनेलिटी
- सुनने और समझने की अच्छी आदत
- समस्याओं को सुलझाने की योग्यता
- फैसले लेने की क्षमता
- गुस्से पर लगाम
- टीम के साथ काम करने का हुनर
- मीठी बोली
- सेल्फ मोटिवेशन और दूसरों को मोटिवेट करने की क्षमता
- अच्छा आचरण
- लीडरशिप और मैनेजरियल योग्यता
11.होटल मैनेजमेंट से जुड़े कार्यों का संपूर्ण ज्ञान और साथ ही खाना परोसने से लेकर ड्रिंक्स सर्व करने तक सब बातों की जानकारी होनी चाहिए।
अपना सही जीवनसंगी चुनिए| केवल भारत मैट्रिमोनी पर- निःशुल्क रजिस्ट्रेशन!
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App