हिमाचल में महफूज नहीं महिलाएं
पिछले साल के मुकाबले तीन महीने में बढ़े दुष्कर्म के मामले
शिमला – प्रदेश में इस साल आपराधिक मामले बढ़े हैं। इस साल की पहली तीमाही में आपराधिक वारदातें पहले की तुलना में अधिक हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार इस साल की तीमाही में पिछले साल के मुकाबले चार सौ मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में तेजी से इजाफा हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस साल दुष्कर्म के मामलों में 72 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, अपहरण, चोरी, सेंधमारी जैसे अन्य गंभीर अपराधों में भी इजाफा हुआ है, जो कि बेहद चिंताजनक है। आंकड़ों के अनुसार राज्य में पिछले साल जनवरी से मार्च में आईपीसी के तहत 2951 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस साल की पहली तीमाही में 3340 दर्ज हुए। राज्य में पिछले साल इस अवधि के दौरान जहां 40 मामले दुष्कर्म के दर्ज हुए थे, वहीं इस साल की अवधि के दौरान 69 मामले दर्ज हुए। अपहरण के मामलों में भी अबकी बार इजाफा हुआ है। पिछले साल इसी अवधि के दौरान जहां अपहरण के 63 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल पहली तीमाही में 102 मामले दर्ज हुए हैं। राज्य में चोरी व सेंधमारी के मामले भी बढ़े हैं। पिछले साल की पहली तीमाही के दौरान जहां चोरी के 125 दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल इसी अवधि ये बढ़कर 183 हो गए। पिछले साल इस अवधि के दौरान जहां 123 मामले सेंधमारी के सामने आए थे, वहीं इस साल इसी अवधि में 164 मामले दर्ज हुए हैं। पिछले साल जहां इसी अवधि के दौरान इस तरह के 73 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल 95 विभिन्न थानों में दर्ज किए गए। इसी तरह हत्या के मामलों में इस साल पिछले साल की अवधि की तुलना में हल्की बढ़ोतरी हुई है।
प्रदेश में डकैती का कोई मामला नहीं
इस बार डकैती का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। इस तरह आईपीएस के कुल मामले देखें, तो इस साल 13 फीसदी मामले ज्यादा दर्ज हुए हैं। हालांकि लोकल व स्पेशल कानून (एल एंड एस लॉज) के वर्ग के तहत दर्ज होने वाले अपराधों में अबकी बार कमी देखी गई है। पिछले साल जहां इस वर्ग के तहत 1461 मामले दर्ज हुए थे, वहीं, इस साल इसी अवधि के दौरान 1276 मामले दर्ज हुए हैं।
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