हिमाचल में शितार्क मशरूम की खेती

By: May 24th, 2018 12:01 am

जापान सरकार तकनीकी मदद को तैयार, गंभीर बीमारियों के लिए है रामबाण दवा

शिमला— हिमाचल के लिए जापान सरकार द्वारा मंजूर जायका प्रोजेक्ट में शितार्क मशरूम के उत्पादन को भी शामिल किया गया है। गंभीर बीमारियों के लिए रामबाण दवा माने जाने वाले शितार्क मशरूम के उत्पादन में हिमाचल को जापान सरकार तकनीकी रूप से मदद करेगी। प्रदेश में पहली दफा इस तरह के मशरूम की खेती होगी, जिसके लिए हिमाचल की जलवायु माफिक बैठती है। विशेषज्ञों ने इसे लेकर शोध करने के बाद सरकार को यहां पर शितार्क मशरूम के उत्पादन के बारे में बताया है, जिसके बाद जायका प्रोजेक्ट में इसे शामिल किया गया है। बताया जाता है कि शितार्क मशरूम हृदय रोग, कैंसर, कोलेस्ट्राल जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने में सहायक है। शोध के बाद सामने आया है कि यदि उसके मुताबिक यहां पर शितार्क मशरूम उत्पादित होता है, तो प्रदेश के उन लोगों के लिए भी बेहद फायदेमंद होगा, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसकी खेती के लिए प्रदेश की जलवायु अनुकूल बताई जा रही है। गौरतलब है कि जापान सरकार ने हिमाचल के लिए 1097 करोड़ रुपए का जायका प्रोजेक्ट मंजूर कर रखा है, जिसमें खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के प्रावधान है। इस मशरूम की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में इसकी खेती जायका फेज-2 प्रोजेक्ट के तहत की जाएगी। इस प्रोजेक्ट का मकसद फसल विविधिकरण की ओर ध्यान देकर किसानों को ज्यादा आय देने वाली फसलें उगाने के लिए प्रेरित करना है।

1400-1800 रुपए किलो तक भाव

शितार्क मशरूम का बाजार भाव 1400 से लेकर 1800 रुपए तक प्रति किलो का है। इससे किसान की आर्थिकी मजबूत होना तय है। शितार्क मशरूम के औषधीय गुण दुनियाभर में इसकी मांग को बढ़ा रहे हैं। विश्व में अभी चीन, जापान और साउथ कोरिया ही शितार्क मशरूम का सबसे बड़ा निर्यातक माना जाता है।

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