अब दाती दगाबाज निकले

By: Jun 13th, 2018 12:05 am

सुरेश कुमार, योल

लोगों को आध्यात्मिक उपदेश देते-देते दाती महाराज खुद ही कीचड़ हो गए। इन बाबाओं की पहुंच इतनी ज्यादा हो जाती है कि शोषित इनके खिलाफ आवाज उठाने से डरते हैं। अध्यात्म की आड़ में ये साधु भेडि़यों से भी डरावने खेल खेलते हैं। लोगों को भ्रमित करके उनसे खूब पैसा हड़प कर अपना बैंक बैलेंस बना लेते हैं। जब पैसा ज्यादा हो जाता है तब इन्हें शरीर की भूख सताती है। तब ये संत अपनी हवस मिटाने के लिए कम उम्र की लड़कियां ढूंढते हैं। पाप कुछ दिन छिपता जरूर है, पर एक दिन उजागर जरूर होता है। अब दाती महाराज यह कहेंगे कि यह मुझे बदनाम करने की साजिश है। आसाराम भी ऐसे ही कहते थे, राम रहीम भी ऐसे ही कहते थे। उन्हें पता है कि मंत्री- नेता उनके यहां हाथ जोड़े खड़े रहते हैं, फिर कानून इनका क्या बिगाड़ेगा।  लेकिन एक न एक दिन कानून के हाथ इनके गिरेबान तक पहुंच ही जाते हैं। यह सच ही कहा है कि प्रकृति में कभी अन्याय नहीं होता है। देश की न्याय व्यवस्था तो इन साधुओं की सुनवाई में ही लगी है। इन साधुओं से बेहतर तो दूसरे अपराधी हैं, जो चेहरे पर शराफत का नकाब नहीं ओढ़ते हैं।  भारत बहुत धार्मिक देश है, परंतु न जाने क्यों अंधविश्वास की हदों को पार कर लोग इन बाबाओं के पीछे चल पड़ते हैं।

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