इस सेशन से सेमेस्टर सिस्टम खत्म

By: Jun 6th, 2018 12:20 am

शिक्षा मंत्री का ऐलान, रूसा को लेकर प्रदेश सरकार दो दिन में लेगी फैसला

 शिमला —राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत इस सत्र से ही कालेजों ने वार्षिक सिस्टम लागू होगा। रूसा को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति को  प्रदेश शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने संकेत दिए हैं कि कालेजों में 15 जून से रूसा को लेकर जो सत्र शुरू  होगा, उसमें वार्षिक सिस्टम को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रूसा के लिए सरकार की ओर से गठित की गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और अब उस रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी। कमेटी की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कमेटी ने रूसा को वार्षिक आधार पर ही लागू करने की सिफारिश की है। इस रिपोर्ट के आधार पर अंतिम फैसला सरकार की ओर से होना है। अब शिक्षा मंत्री के ब्यान के बाद यह तय है कि कालेजों में इसी सत्र से सेमेस्टर सिस्टम समाप्त कर वार्षिक सिस्टम ही लागू होगा। रूसा को लेकर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार को रि-कंसीडरिंग कमेटी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर सरकार एक-दो दिन में फैसला लेगी। वार्षिक आधार पर सत्र 2018-19 के पहले सेमेस्टर में छात्रों को प्रवेश मिलेगा, जबकि अन्य बैच, जो रूसा के तहत पहले ही चल रहे हैं, उनमें सेमेस्टर सिस्टम ही लागू होगा। दूसरी तरफ इस सिस्टम में बदलाव को लेकर अभी तक कोई भी तैयारी नहीं हो पाई है। हालात यह हैं कि कालेजों में प्रवेश के लिए 10 दिन ही शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक प्रौस्पेक्टस भी बन कर तैयार नहीं हो पाए हैं। रूसा के तहत वार्षिक सिस्टम को लागू करने के लिए किस तरह का प्रारूप होगा, अभी तक इसको लेकर भी कोई गाइडलाइन जारी नहीं कि गई है। इसके अलावा वार्षिक आधार पर रूसा को लाने के लिए नियमों के साथ ही आर्डिंनेंस में बदलाव, सिलेबस, करिकुलम सहित कई अकादमिक बदलाव करने होंगे, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश विवि तैयार नहीं है और न ही इस तरह की तैयारियों से जुडे़ कोई निर्देश एचपीयू को दिए गए हैं।

एक ही डिग्री में चार सिस्टम लागू

देश के सभी राज्यों में हिमाचल ही एक  ऐसा राज्य है, जहां एक यूजी डिग्री में चार सिस्टम लागू होंगे। प्रदेश में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान को 2013 में  लांच किया गया था, जिसके बाद कालेजों में इसे यूजी डिग्री में लागू किया गया। इसके बाद कई खामियां सिस्टम में उजागर हुईं और इसे 2016 में यूजीसी के नियमों पर लागू किया गया। वर्ष 2013 से पहले यूजी में वार्षिक सिस्टम लागू था और इसे बदल कर सत्र  2018-19 में फिर से वार्षिक आधार पर लागू किया जा रहा है। ऐसे में इस एक ही योजना में प्रदेश छात्रों को चार अलग-अलग सिस्टम के तहत यूजी की डिग्री देगा।

ग्रांट पर भी बदलाव का असर

केंद्र प्रायोजित योजना रूसा के तहत प्रदेश को अब तक केंद्र से  220 करोड़ मिल चुके हैं। इसके तहत कई कालेजों की तस्वीर बदल गई है। अब तक इस योजना में कालेज विश्वविद्यालय सहित  54 कालेजों को करोड़ों की ग्रांट मिल चुकी है, अगर इस प्रणाली में बदलाव कर इसे वार्षिक आधार पर लागू किया जाता है तो प्रदेश को मिलने वाली ग्रांट पर इसका असर होगा।

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