ऊना में बनेंगे टूरिज्म सर्किट 

By: Jun 19th, 2018 12:05 am

ऊना —जिला की प्राचीन धरोहरों को आज पुरानी राहों से योजना हमेशा जीवंत रखेंगी। सरकार की ओर से शुरू की गई इस योजना का खाका तैयार किया गया है। इस पर जिला ऊना के प्राचीन इतिहास व विरासत को सहेजा जा सकेगा। प्राचीन इतिहास में जिला ऊना का अपना महत्त्व रहा है। जिला ऊना के अनेकों प्राचीन धार्मिक स्थलों को विकसित करने की  कार्रवाई इस योजना के अंतर्गत की जाएगी। पर्यटकों को इन धरोहरों के प्रति आकर्षित करने के लिए भी कार्रवाई होगी। इसके अंतर्गत जिला में सर्किट बनाए जाएंगे। प्राचीन आस्था से जुड़े गांव की कहानी को बयां किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत जिला में करीब 20 स्थानों पर टूरिस्ट सर्किट बनाए जाएंगे। इनमें आने वाले पर्यटकों को जिला व गांव के इतिहासिक महत्त्व के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। आस्था से जुडे़ गांव व धरोहरों के बारें में भी जानकारी दी जाएगी। योजना को सिरे चढाने के लिए सरकार प्राचीन धरोहरों में पुनः जान डालने की कार्रवाई करेंगी। इसके अंतर्गत प्राचीन रीति रिवाजो, पहरावो, खानपान व होम स्टे को दोबारा से शुरू किया जा सकेगा। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में आज पुरानी राहों से योजना को सिरे चढ़ाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस पर इस पुरातत्व एवं भाषा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत इतिहास को सहेजकर रखने वाली तमाम मंदिरों व अन्य दर्शनीय स्थलों की पुरानी शैली से ही उन्हें उभारा जाएगा, ताकि हमारी प्राचीन धरोहरे हमेशा के लिए जीवंत रहे। उल्लेखनीय है कि प्राचीन इतिहास में जिला ऊना का अपना अलग महत्त्व है। जिला में ऐसे अनेकों देवी-देवताओं के दर्शनीय स्थल आज भी पर्यटकों की आस्था व आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं, पिपलूधार के प्राचीन किले, गोविंदसागर झील, अंब क्षेत्र के राजपुर जस्वां के प्राचीन किले, ईसपुर गांव में प्राचीन इतिहास से जुड़ा शिव मंदिर नौण व इसी गांव में प्राचीन जीवो के अवशेष भी मिले हुए हैं, जोकि हमारे इतिहास को दर्शाते हैं। सरकार की इस पहल से अब इन लुप्त हो रही धरोहरों को पुनः उभारा जा सकेगा।


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