एक कमरे में स्कूल…27 बच्चें का फ्यूचर संकट में
कुल्लू – छोटा सा निजी कमरा, दो किलोमीटर दूर पानी और घुटन में पढ़ाई करना कितना कठिन होगा, कोई सोच भी नहीं सकता। शिक्षा विभाग खामोश, राजनेता राजनीतिक रोटी सेंकने में व्यस्त और सरकार मामले से अनजान बनी हुई है। यह कहानी जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार के अंतर्गत आने वाली पलाहच पंचायत के राजकीय प्राथमिक स्कूल सोझा थाच की है। कब तक ये बच्चे घुटन के बीच ही पढ़ाई करते रहेंगे, इसका उत्तर किसी के पास नहीं है। बता दें कि छोटे से कमरे में पहली से लेकर पांचवीं कक्षाओं के बच्चों की क्लासेज चल रही हैं। यह कमरा सरकारी नहीं है। बच्चे निजी कमरे में पढ़ाई कर रहे हैं। पांच कक्षाओं के 27 बच्चों को एक साथ पढ़ाना अध्यापक के लिए भी मुश्किल हो गया है। स्कूल प्रबंधन भी मानता है कि छोटे से कमरे में बच्चों को घुटन महसूस हो रही है। इतना ही नहीं प्रार्थना सभा में भी घर के आंगन में होती है। आंगन भी काफी छोटा है। ऐसे में बच्चों को प्रार्थना सभा के दौरान भी काफी दिक्कतें आती हैं। कई बार अध्यापक को कुछ कक्षाएं आंगन में भी पढ़ानी पड़ती हैं। साथ ही साथ मिड-डे मील भी किसी घर में बनाया जा रहा है। कई बार पानी नहीं होने से मिड-डे मील नहीं पकता है।
यहां देखें आईपीएच की लापरवाही
बता दें कि यहां पर आईपीएच विभाग की लापरवाही भी उजागर होती है। इलाके में पानी की भारी किल्लत चल रही है। इन दिनों कई बार मिड-डे मील बनाने के लिए पानी दो किलोमीटर दूर से कर्मचारी को कंधे और पीठ ढोकर लाना पड़ रहा है। वहीं, बच्चों को पानी पीने के लिए भी दो किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। विभाग की पेयजल लाइन से पानी नहीं आ रहा है।
बच्चों की पढ़ाई हो रही है बाधित
स्कूल में मात्र एक ही शिक्षक है। पांच कक्षाओं को एक अध्यापक पिछले दो-अढ़ाई साल से पढ़ा रहा है। हालांकि स्कूल के लिए दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन अभी तक यहां के लिए स्वीकृति अनुसार अध्यापक की तैनाती नहीं हो पाई है। यही नहीं स्कूल के अध्यापक और बच्चों को झाडू लगाना पड़ रहा है। यहां पर चपरासी तक भी नहीं है।
काम अधूरा
स्कूल का भवन वर्ष 2017 में बनकर तैयार होना था, लेकिन अभी तक भवन का काम अधूरा है। स्कूल वर्ष 2012 में खुला है, लेकिन इतने वर्षों में स्कूल को अपना भवन तक नसीब नहीं हो पाया है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App