कहां है मेरी गौरी… कोई तो बताओ

By: Jun 22nd, 2018 12:07 am

मां को बच्ची की मौत के तीन घंटे बाद भी किसी ने नहीं दी जानकारी

मंडी – गरली हादसे के बच्चों को मंडी अस्पताल लाया गया, लेकिन नन्ही सी उम्र में ही इतने गहरे जख्मों के ताव गौरी (10) न सह सकी। बच्ची की मंडी अस्पताल में मौत हो गई। गौरी पुत्री गोपाल निवासी गरली परिवहन, प्रशासन और स्कूल प्रबंधन की नाकामी के चलते मंडी अस्पताल में दम तोड़ चुकी थी, लेकिन बच्ची की मां को यह दुखद सच बताने की हिम्मत न तो अस्पताल प्रबंधन, न प्रशासन और न ही अन्य घायलों के परिजनों के पास थी। बच्ची की मां को सभी करीब तीन घंटे तक यही दिलासा देने को मजबूर थे कि गौरी ठीक है और उसका इलाज चल रहा है। बच्ची की मां बिलख-बिलखकर कभी पत्रकारों, तो कभी अन्य घायलों के परिजनों से सवाल पूछती रही कि गौरी कहां है, आप ही बता दो।  बच्ची के पिता मेहनत मजदूरी करते हैं और उन्हें घटना की सूचना देकर बुलाया गया था। इस बीच करीब तीन घंटे तक बच्ची की मां कमला कभी अन्य घायलों के परिजनों तो कभी डाक्टरों से सवाल करती रही। थक हारकर मां ने आंसू पोंछे और अपने बेटे के पास जाकर बैठ गई। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाला कमला का बेटा काव्यांश भी इसी हादसे में घायल है। काव्यांश दूसरी क्लास में पढ़ता है। घायल बेटे को आंखों के सामने सलामत देख मां की ममता बेटी के लिए बेचैन हुई जा रही थी, लेकिन मां को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि उसकी प्यारी बिटिया अब इस दुनिया को अलविदा कह चुकी है। इसी बीच डाक्टर भी काव्यांश के चैकअप के लिए पहुंचे तो मां ने फिर डाक्टरों से सवाल किया कि मेरी गौरी के बारे में बताओ। डाक्टर भी यह कहने को मजबूर थे कि बेटी आईसीयू में है और सब ठीक है, आप चिंता न करें। तीन घंटों बाद जब गौरी के पिता व अन्य परिजन अस्पताल पहुंचे तो मां बढ़ी मुश्किल से मां को बेटी की मौत के बारे में बताया गया। इतनी देर से बेटी की सलामती आस टूट चुकी थी।


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