क्रीसेंट पब्लिक स्कूल बनूरी

By: Jun 20th, 2018 12:12 am

-प्रधानाचार्य मनोज भारद्वाज

धौलाधार की वादियों में बसे पालमपुर शहर से छह किलोमीटर दूर स्थित क्रीसेंट पब्लिक स्कूल बनूरी पिछले 15 वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों  को छूते हुए अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। क्रीसेंट पब्लिक स्कूल 2003 में 72 छात्रों के साथ अस्तित्व में आया। आज यहां 1000 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस विद्यालय का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को शैक्षणिक योग्यता प्रदान करना है, बल्कि उनके अंदर नैतिक तथा आध्यात्मिक मूल्यों को भी बनाए रखना है। विद्यालय का परिसर लगभग 2.5 एकड़ और एक लाख वर्ग फुट के निर्माण क्षेत्र में फैला है।

स्कूल के प्रबंधक तथा प्रशासक वर्ग की सोच तथा अथक प्रयास का ही परिणाम है कि आज यहां प्रदेश के कई क्षेत्रों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में निपुण और अनुभवी शिक्षकों की निविदा देखभाल और पर्यवेक्षण के तहत युवा विभाग का विकास होता है। हर वर्ष क्रीसेंट पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी साइंस कांग्रेस में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चुना भी गया है। स्कूल के छात्रों ने विज्ञान, गणित, अंग्रेजी तथा स्पेस ओलंपियाड में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्राप्त किए हैं। स्कूल में उच्च अनुशासन तथा उच्च दर्जे के शैक्षणिक माहौल का ही परिणाम है कि शैक्षिक विभागों द्वारा 146 छात्रों को लैपटॉप के साथ सम्मानित किया गया। क्रीसेंट पब्लिक स्कूल के सैकड़ों छात्रों का एएफएमसी, एनडीए, सीडीएस, आईआईटी, एआईईईई, पीएमटी और बीडीएस आदि प्रवेश परीक्षाओं में चयन हुआ है। इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर गए 90 प्रतिशत बच्चे आज देश-विदेश व प्रदेश में अपनी सम्मानजनक सेवाएं दे रहे हैं। कक्षा जमा एक और जमा दो के लिए प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए कोचिंग को स्कूल का अनिवार्य हिस्सा बना दिया गया है। इसके लिए स्कूल कई संस्थानों जैसे लक्ष्या, डिजाइन मेड, क्रोकोडाइल, एडयू कैंप, ईगीनाइट मिडस आदि से जुड़ गया है।

स्कूल का जहां अपना भव्य भवन है, वहीं विद्यालय में कम्प्यूटर प्रयोगशाला, बायो, कैमिस्ट्री, फिजिक्स प्रयोगशाला, दो खेल के मैदान, संगीत कक्ष, 3000 किताबों से सुसज्जित आधुनिक पुस्तकालय तथा योगा कक्ष का भी प्रावधान किया गया है। बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने हेतु विद्यालय में कई गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाता रहा है। जैसे संदीप जोशी जो प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट के रूप में जाने जाते हैं, बालीवुड अभिनेता मनोज पाहवा, कथक नृत्यांगना दिव्या दीक्षित गोस्वामी, बांसुरी पंडित रूपक कुलकर्णी आदि शामिल हैं।

समय-समय पर बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिताएं,  सेमिनार, रैलियां तथा बाल सभाएं भी करवाई जाती हैं। विद्यालय  विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर सीएसआईआर, आईएचबीटी, आविष्कार, कृषि विश्वविद्यालय आदि शैक्षणिक संस्थानों पर भ्रमण के लिए ले जाता है। शिक्षकों की काबिलीयत को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विद्यालय में अध्यापन के लिए आधुनिक शिक्षा पद्धति का प्रयोग किया जाता है। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए बैडमिंटन, बास्केटबाल, वालीबाल एवं इंडोर खेलों का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की धारणा पर योग शिविर भी लगाए जाते हैं।

‘सरस्वती शिक्षा अभियान’ के अंतर्गत मेधावी कन्याओं को निःशुल्क होस्टल सुविधा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज भारद्वाज का मत है कि वह स्कूल में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी पर विश्वास नहीं रखता। अलबत्ता बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने में यकीन करते हैं यह स्कूल का मुख्य ध्येय है।

-राकेश सूद, पालमपुर


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