खजूर से क्यों खोला जाता है रोजा

By: Jun 3rd, 2018 12:05 am

भारत से लेकर सऊदी अरब, ईराक और ईरान की रसीली व नाना प्रकार की खजूरें बिकती नजर आती हैं। खजूर से रोजा इसलिए खोला जाता है क्योंकि हजरत मुहम्मद सल्ल भी यही किया करते थे और जो काम वे करते थे, उसी को करना सुन्नत कहा जाता है।

सहरी का नाश्ता : रोजे के साथ सहरी का ऐसा रिश्ता है जैसे आत्मा का शरीर के साथ। सहरी का अर्थ है कि सुबह-सवेरे उठ कर नाश्ता करना। इसकी शर्त यह है कि नाश्ता करने वाला सूरज की पहली किरन निकलने से पहले अपना खाना-पीना छोड़ दे। आम तौर से आजकल महिलाओं को सुबह तीन बजे उठना पड़ता है और सहरी का नाश्ता तैयार करना पड़ता है।

सहरी में हर व्यक्ति का खान-पान का अलग तरीका होता है। कुछ लोग तो बहुत हल्का नाश्ता लेते हैं जैसा कि लेखक कहता है कि चाय डबल रोटी का तोष और सेवईयों के अतिरिक्त और कुछ नहीं लेता। हां बहुत से लोग सहरी में पूरा खाना लेते हैं जिस में रोटी-सालन, दाल-चावल आदि होते हैं। कुछ लोग उसके साथ  फल भी लेते हैं। उसके अतिरिक्त लोग खजूर भी ले लेते हैं।

– फिरोज बख्त अहमद, ए-202, अदीबा मार्किट व अपार्टमेंट्स, मेन रोड, जाकिर नगर, नई दिल्ली

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