चंडीगढ़-पंचकूला में बताया योग का मोल

By: Jun 22nd, 2018 12:02 am

पंचकूला में राज्यपाल संग प्राणायाम से हुई सुबह की शुरूआत, 2015 में मनाया गया था पहला योग दिवस

पंचकूला — हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की तथा विधिवत रूप से दीप प्रज्जवलित कर योग कार्यक्रम की शुरूआत की। इस बार आयोजित विश्व योग दिवस का थीम शांति एवं सामंजस्य के लिए योग रहा। 21 जून को योग दिवस आयोजित करने का मुख्य कारण यही है कि इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा तथा दक्षिण गोलार्ध में सबसे छोटा दिन होता है। राज्यपाल ने सभी को योग दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई परिवारों की तीनों पीढियां योग कर रही हैं। पूरे विश्व में भारत एक ऐसा देश है, जिसने आध्यात्मिक दृष्टि से विश्वगुरु का सिंहासन प्राप्त किया है।  नर से नारायण बनाने की कला जीवन को सफलतापूर्वक फिटनेस के साथ जीवन पद्धति भारत देश में बदल रही है। यह प्रारब्ध से ही भारत के पास रही है और भारत ने इसके माध्यम से पूरे विश्व में एकता समन्वय और शांति का संदेश दिया है। ऐसा काल भी आया जब भारत टरकी राज्य के हाथों में चला गया और 1000 वर्ष से ज्यादा तक हम गुलामी की जंजीरों में बंधे रहे और जब भारत 1947 में आजाद हुआ तब हमें केवल राजनीतिक स्वतंत्रता मिली थी लेकिन भारत की असल अखंडता और पहचान पूरी तरह स्थापित नहीं हुई थी। सबसे पहले भारतवर्ष को अपना गौरव तथा गौरव का स्थान तब प्राप्त हुआ जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर माह में विश्व को अपने संबोधन में आग्रह किया कि यदि हम विश्व के अंदर समन्वय, एकता, शांति चाहते हैं तो योग की तरफ जाइए। योग से मन शांत होता है और यदि व्यक्ति का मन ठीक है तो उसका सोचना ठीक होगाए वह अपने आप को पूरे विश्व के साथ जोड़ लेगा। पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक आदमी एक ही अंश रखता है, ये भाव उसके मन में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में 2700 वर्ष पूर्व पतंजलि ने योग को विस्थापित हुआ था। यूएनओ की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आग्रह किया था,  जिसें 177 देशों ने समर्थन किया। आज पूरे विश्व में सभी देशों में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना घोषित किया गया। योग एकता का स्वरूप होता है। योग ऐसी कला है जो वास्तव में इंसान को इनसान बनाती है। योग के माध्यम से शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा, प्राण का एकाकार होता है, जिससे व्यक्ति एकात्मक कहलाता है। योग दिवस कार्यक्रम में पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, भाजपा जिला प्रधान दीपक शर्मा, उपायुक्त मुकुल कुमार सहित अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों, पतंजलि योग पीठ के सदस्यों सरकारी व प्राइवेट स्कूलों एवं कालेज के छात्र-छात्राओं, विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, स्थानीय पुलिस, सेना के जवानों, नेहरू युवा केंद्र सहित शहर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों व लोगों ने भी योग कार्यक्रम में भाग लिया। पतंजलि योग समिति के मंडलाध्यक्ष प्रेम आहुजा, जिला प्रभारी सतपाल सिंह, उर्मिला राठी तथा अश्वनी शर्मा ने सामान्य योग अभ्यास क्रम में स्थिलीकरण अभ्यास के लिए आसन, जिसमें खडे होकर किए आसनों में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्त आसन, अर्धचक्र आसन व त्रिकोणासन शामिल हैं, किए गए। इसी प्रकार बैठकर किए जाने वाले आसनों में दंडासन, भद्रासन, वज्रसान, अर्ध उर्ष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशंकासन आदि आसन, उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में मक्रासन, भुजंगासन, शलभासन व पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में सेतुबंद आसन, उत्तनापाद आसन, अर्धहलासन, पवन मुक्तासन व योग निद्रासन का भी अभ्यास करवाया। पतंजलि समिति के शिक्षको की ओर से प्रणायाम जिसमें कपालभाती, अनुलोम-विलोम, शीतली प्रणायान, भ्रामरी प्रणायाम व ध्यान की क्रियाएं भी करवाई गई।


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