छोटी-मोटी नाराजगी चलती है

By: Jun 22nd, 2018 12:05 am

शिमला – नगर निगम महापौर व उपमहापौर की सियासत मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री बोले, इस मामले को जल्द सुलझा दिया जाएगा। यह परिवार का मसला है। परिवार में छोटी-मोटी नाराजगियां चलती रहती हैं, जिसका समाधान बैठक कर निकाल लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह बात गुरुवार को पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता के दौरान कही। तीन दशक बाद नगर निगम शिमला में पहली मर्तबा कब्जा करने वाली भाजपा में अंदर खाते विद्रोह शुरू हो गया है। महापौर को पद से हटाने के लिए पिछले कई दिनों से लॉबिंग चल रही है, जिसमें भाजपा पार्षद भी सामने आए हैं। जानकारी के तहत कुछ भाजपा पार्षदों ने तो लिखित रूप में महापौर के साथ कार्य करने की मनाही तक कर दी है। भाजपा का अंतर्कल्ह इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। निगम में आरोप-प्रतिरोप की राजनीति चल रही है। हालांकि कुछ भाजपा समर्थित पार्षद खुल कर सामने नहीं आए हैं, मगर कुछ पार्षद सरेआम सामने आ गए हैं और महापौर की कुर्सी के लिए गोटियां फिट करने तक लग गए हैं। इस ताजा विवाद पर जब गुरुवार को मुख्यमंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बाबत मीडिया से ही जानकारी मिली है। अगर कोई आपसी छोटी-मोटी नाराजगियां हैं तो उन्हें बैठक कर सुलझा दिया जाएगा।

किसी के साथ नहीं मतभेद

महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि उनका किसी के साथ मतभेद नहीं है। भाजपा पार्षदों की सहमति से ही वह महापौर बनी हैं। उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है। वह इसके लिए तैयार हैं।

कांग्रेस पार्षद विरोध में

महापौर व उपमहापौर की कार्य प्रणाली पर कांग्रेस समर्थित पार्षद भी सवालिया प्रश्न उठा चुके हैं। कांग्रेसी पार्षदों ने भी महापौर व उपमहापौर को हटाने की मांग उठाई है। इसको लेकर कांग्रेस पार्षदों ने बीते हाउस में जमकर हंगामा किया था और महापौर व उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास पत्र तक ला दिया था।

भाजपा पार्षद भी खिलाफ

इस विवाद में कई भाजपा पार्षद की खुल कर सामने आ रहे हैं। शिमला में जल संकट के समय भी एक भाजपा पार्षद ने धरना-प्रदर्शन कर अपना रोष जताया था।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App