जुर्म करने वाले मुलाजिम नहीं बचेंगे

By: Jun 14th, 2018 12:20 am

शिमला— शिक्षा विभाग में सालों से नहीं सुलझे आपराधिक मामले अब जल्द सुलझाने होंगे। शिक्षा विभाग में जिन अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों के खिलाफ पोक्सो, सेक्शुअल हृसमेंट व पैसे के गबन के मामलों के अलावा अन्य आपराधिक मामले चल रहे हैं, उन  मामलों पर विभाग ने एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दे दिए हैं। उल्लेखनीय है कि ऐसे 225 आपराधिक मामलों की फाइल सालों से शिक्षा विभाग में बंद पड़ी हुई थी, लेकिन सरकार की फटकार के बाद ही शिक्षा विभाग ने इनकी जांच को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हं। बता दें कि शिक्षा विभाग में कई ऐसे भी आपराधिक मामले भी हैं, जिनमें आरोपी अधिकारियों की मृत्यु भी हो चुकी है। विभाग में पेंडिंग पडे़ जांच मामलों पर सरकार द्वारा संज्ञान लेने के बाद शिक्षा विभाग ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत विभाग ने संबंधित अधिकारियों को लंबित आपराधिक मामले, जिनकी जांच चल रही हैं और जिसमें एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई है, उन मामलों में 15 जून तक एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला के जांच अधिकारियों को एफआईआर की रिपोर्ट भी  निदेशालय भेजनी होगी। इसके अलावा जिन मामलों में विभागीय प्रारंभिक जांच लंबित हैं, उसे दैनिक आधार पर निपटा कर 20 जून तक इसकी रिपोर्ट देने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि विभाग में लंबे समय से पेंडिंग पडे़ विभागीय जांच के मामलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए विभाग ने संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की है। विभाग ने ऐसे मामलों का निपटारा जल्द करने को कहा है अन्यथा अधिकारियों  के विरुद्ध ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। विभाग में चल रह पैसे के गबन के मामलों पर भी जल्द कार्रवाई करने के निर्देश जिला उपनिदेशकों को दिए गए हैं। जिन मामलों में कई वर्षों से  सीसीएस (सीसीए) नियम 16 के तहत जांच चल रही, उन्हें जल्द निपटाने को कहा गया है।

आपराधिक केस वाले कर्मी होंगे ट्रांसफर

शिक्षा विभाग में जिन कर्मचारियों व शिक्षकों पर पोस्को, सेक्शुअल हृसमेंट व पैसे के गबन के मामले चल रहें हैं और वे अभी तक उसी कार्यालय में कार्यरत हैं, उन्हें अब दूसरे स्टेशनों पर ट्रांसफर किया जाएगा। विभाग ने ऐसे मामलों की सूची जिलों से तलब की हैं, ताकि उनके स्टेशन बदले जा सकें। इसके अलावा विभाग ने पोस्को, सेक्शुअल हृसमेंट के मामलों को दर्ज करवाते समय इसे आईपीसी की धारा 120-बी के अंतर्गत लाने को कहा है।


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