जे एंड के पर विवादित बयानों से घिरी कांग्रेस
नई दिल्ली— जम्मू-कश्मीर में सेना की कार्रवाई और राज्य की आजादी पर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के बयान ने देश की इस सबसे पुरानी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद के सैन्य आपरेशन में आतंकवादियों से ज्यादा आम लोगों के मारे जाने के बयान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आजाद के बयान को गैर जिम्मेदाराना, शर्मनाक और सेना का मनोबल तोड़ने वाला बताते हुए कहा कि पूर्व सीएम की इस टिप्पणी से सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तान होगा। उन्होंने कहा कि आजाद के बयान का लश्कर-ए-तोएबा जैसे संगठन भी समर्थन कर रहे हैं। लश्कर के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने बयान जारी कर कहा कि हमारा विचार भी आजाद के विचार की तरह ही है। उल्लेखनीय है कि आजाद ने कुछ दिन पहले कहा था कि केंद्र सरकार की दमनकारी नीति का सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ता है। एक आतंकी को मारने के लिए 13 नागरिकों को मार दिया जाता है। हाल ही के आंकड़ों पर गौर करें तो सेना की कार्रवाई नागरिकों के खिलाफ ज्यादा और आंतकियों के खिलाफ कम हुई है। घाटी में हालात बिगड़ने का मुख्य कारण यह है कि मोदी सरकार बातचीत करने की अपेक्षा कार्रवाई करने में ज्यादा यकीन रखती है। इसके अलावा रविशंकर प्रसाद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज के कश्मीर की आजादी वाले बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चीफ राहुल और सोनिया इस बयान पर जवाब दें। बता दें कि सोज ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी पाना है। वर्तमान स्थिति में कश्मीर की आजादी इससे जुड़े देशों के कारण संभव नहीं है, लेकिन यह जरूर है कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान के साथ इसका विलय नहीं कराना चाहते हैं। सैफुद्दीन सोज ने कश्मीर के इतिहास और वर्तमान से जुड़ी एक किताब भी लिखी है, जिसे जल्द ही लांच किया जाना है। इस किताब में सोज ने पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोटिंग की स्थितियां होती हैं तो कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने की अपेक्षा अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे।
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