थर्मोकोल बैन से पत्तल कारीगरों की लाटरी

By: Jun 23rd, 2018 12:15 am

जयराम सरकार बनाएगी पत्तल-डूना बनाने वालों को पर्यावरण सहेजने का एंबेसेडर

शिमला— थर्मोकोल निर्मित प्लेट-गिलास की पाबंदी से पत्तल कारीगरों की लाटरी लग गई है। राज्य सरकार ने पेड़ के हरे पत्तों से पत्तल-डूने बनाने वाले स्थानीय लोगों की तलाश शुरू कर दी है। पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय ने इस व्यवसाय से जुड़े कारीगरों को अपना एंबेसेडर घोषित करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के निर्देशों पर पर्यावरण निदेशालय पत्तल कारीगरों को सम्मानित भी करेगा। इसके अलावा इस व्यवसाय से स्थानीय युवाओं को जोड़ने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार इस बारे में बड़े स्तर पर समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से भी देशी पत्तल और डूने का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने के लिए प्रयासरत है। जाहिर है कि प्रदेश में प्लास्टिक थैले पहले ही प्रतिबंधित है। जयराम सरकार ने थर्मोकोल निर्मित पत्तल, डून और गिलास पर भी बैन लगा दिया है। हिमाचल सरकार के इस साहसिक निर्णय के बाद शादी-विवाह तथा अन्य समारोहों में लंच-डिनर की मेजबानी में दिक्कतें आ रही हैं। थर्मोकोल निर्मित सामग्री प्रतिबंधित होने से शादी-विवाह में धाम का आयोजन मुश्किल हो गया है। इसके चलते हिमाचल सरकार ने थर्मोकोल निर्मित वस्तुओं पर प्रतिबंध लाने के तुरंत बाद इसका विकल्प तैयार कर लिया है। इस कड़ी में जंगलों के हरे पत्तों से पत्तल और डुन बनाने वाले कारीगरों की अहमियत एकाएक बढ़ गई है। पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय ने जिला प्रशासन और निजी संस्थाओं के माध्यम से इन कारीगरों की सूची तैयार करने को कहा है। इसके अलावा पत्तल कारीगरों को अपने उत्पाद की जानकारी तुरंत प्रभाव से पर्यावरण निदेशालय में देने को कहा है। निदेशालय का प्रयास है कि इस व्यवसाय को गति मिलने से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और थर्मोकॉल निर्मित वस्तुओं का समाज में खुद बहिष्कार हो जाएगा। इससे पर्यावरण  संरक्षण के अलावा शुद्ध देशी पत्तल का प्रचलन भी बढ़ेगा। पर्यावरण निदेशालय ने योजना बनाई है कि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को पंचायत स्तर पर पर्यावरण एंबेसेडर घोषित किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा निदेशालय पहचान पत्र जारी करेगा। थर्मोकोल निर्मित वस्तुएं पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। इसके चलते देशी पत्तल और डूने के व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कारोबार से जुड़े लोग सीधे पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय में 98053-64554 नंबर पर संपर्क कर पंजीकरण करवा सकते हैं डीसी राणा, निदेशक, पर्यावरण निदेशालय


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