दिल्ली के लिए निकला गिरिपार का लाल सोना

By: Jun 19th, 2018 12:25 am

पांवटा साहिब— जिला के पहाड़ी गिरिपार क्षेत्र से लाल सोना दिल्ली की मंडी में धूम मचाने निकल गया है। क्षेत्र से टमाटर की पहली खेप दिल्ली पहुंच चुकी है तथा किसानों को शुरुआती दाम प्रति क्रेट 200 से 700 रुपए तक मिल रहे हैं, जिससे किसान खुश हैं। गिरिपार के कफोटा व शिलाई क्षेत्र में इस बार भी टमाटर की खेती व्यापक स्तर पर की गई है। हालांकि इस बार समय पर बारिश न होने के कारण उत्पादन पर असर पड़ गया है, लेकिन फिर भी फसल औसतन ठीक रहने की संभावना जताई जा रही है। बिना बारिश टमाटर समय से पहले लाल हो गया और दाने का साइज भी प्रभावित हुआ, लेकिन जिस प्रकार के शुरुआती दाम उत्पादकों को मिल रहे हैं, यदि यह आने वाले समय में भी बरकरार रहे, तो किसानों का सूखे के कारण उत्पादन गिरावट से होने वाला घाटा काफी हद तक पूरा हो जाएगा। शिलाई के करीब सौ से अधिक गांव-उपगांव में टमाटर के लाखों पौधे लगाए गए हैं। पिछले साल के आंकड़ों पर गौर करें, तो अकेले कफोटा क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक पंचायतों से दिल्ली में करीब दो लाख से अधिक क्रेट टमाटर के पहुंचे थे। पिछली बार दाम शुरुआत में तो एक हजार तक भी मिले थे, जिससे प्रोत्साहित किसानों ने इस बार भी व्यापक खेती की है। एक अनुमान के तौर पर पिछले साल कफोटा क्षेत्र के टमाटर उत्पादकों ने अच्छे दाम मिलने के कारण करीब दो से अढ़ाई करोड़ रुपए तक का कारोबार किया। इस बार की बात करें, तो अभी सीजन की शुरुआत है। अभी कफोटा क्षेत्र से प्रतिदिन दो से तीन गाडि़यां टमाटर की दिल्ली के लिए जा रही हैं, जबकि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा सात से दस गाडि़यां प्रतिदिन हो सकता है। एक गाड़ी में औसतन 200 क्रेट टमाटर दिल्ली ले जाए जाते हैं। क्षेत्र से करीब आधा दर्जन गाडि़यों की खेप दिल्ली जा चुकी है, जिन्हें 200 से 700 रुपए तक प्रति क्रेट दाम मिले हैं। सोमवार को दिल्ली में क्षेत्र के टमाटर 700 रुपए तक प्रति क्रेट के हिसाब से बिके हैं। हालांकि दोयम दर्जे का टमाटर 200 रुपए प्रति क्रेट बिकी।

ये हैं किस्में

 200 से 700 रुपए प्रति क्रेट मिल रहे शुरुआती दाम उत्पादक खुश

कफोटा के सैकड़ों गांवों में टमाटर की खेती की गई है, जिसमें मुख्यतः शिल्ला, बोकाला, डाबरा, पाब, मानल, कोग, मिनलबाग, भटाड़, मस्तभोज के रांगुआ, जुईनल, पभार, जामना, माशू च्योग, कांडो, ठाणा, गुद्दी मानपुर, शरली, कुंबली, नेड़ा, चढ़ेउ, मलान, टिंबी, मिल्लाह आदि समेत शिलाई के सैकड़ों गांवों में व्यापक पैमाने में टमाटर की खेती हुई है।

बहकावे में न आएं किसान

शिलाई के व्यापारी बलबीर पुंडीर ने किसानों से आह्वान किया है कि किसी बाहरी राज्यों के व्यापारी के बहकावे में न आएं। वह किसानों को खुद मंडी चलने को कहते हैं, ताकि किसान अपनी फसल स्वयं बेच सकें। वह तो किसानों को मात्र वाहन उपलब्ध करवाते हैं।

शिलाई में हजारों बीघा पर खेती

शिलाई क्षेत्र में इस बार हजारों बीघा भूमि पर टमाटर की खेती की गई है। हर किसान ने औसतन चार से पांच हजार पौधे लगाए हैं। कई किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने 15-20 हजार पौधे लगाकर व्यापक स्तर पर टमाटर की खेती की है। अकेले कफोटा क्षेत्र में लाखों की संख्या में टमाटर के पौधे लगे हैं। इनमें हिम सोना, लाल सोना, रेड गोल्ड आदि वैरायटी शामिल है।


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