देवीकोठी के चामुंडा मंदिर को बचा लो सरकार

By: Jun 21st, 2018 12:05 am

चंबा  —शिल्प और कलाओं के लिए प्रसिद्ध चंबा जिला विश्व के मानचित्र पर अहम स्थान रखता है। जम्मू-कश्मीर का सीमावर्ती क्षेत्र चुराह में शास्त्रीय विधान से बने प्राचीन मंदिर कला प्रेमियोें को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।  चंबा की चुराह क्षेत्र के दूरवर्ती गांव देवीकोठी पैरा परगना के तहत आता है। यहां चामुंडा मां का भव्य मंदिर स्थित है। वर्ष 1758 में चंबा नरेश उम्मेद सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। उम्मेद सिंह देवी चामुंडा का उपासक था। वर्ष 1748 इस्वी में एक भयंकर संकट से गुजरने के बाद राजा ने चामुंडा मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया था, जिसे पूरा होने में एक दशक का समय लग गया। चंबा से गए शिल्पियों के एक दल ने इस मंदिर का निर्माण किया था। उन्होेंने मंदिर की छत पर भव्यकाष्ट शिल्प की आकृतियां बनाइर्ं तथा भीत्तियों पर देवी-असुर के संग्राम का चित्रण किया, जो चंबा के समृद्ध शिल्प के बेजोड़ उदाहरण हैं। वर्ष 2003 में यूरोप के विद्वान डा. फीशर देवीकोठी गांव में मंदिर देखने आए तो वे इस शिल्प के अद्भुत मंदिर को देख कर चकित रह गए। उन्होंने डा. ओहरी तथा पद्म श्री विजय शर्मा के साथ मिल कर देवीकोठी मंदिर पर एक विशाल ग्रंथ लिख दिया। इस पुस्तक के छपने के बाद दूर-दूर से विदेशी पर्यटक देवीकोठी आने लगे। मंदिर वक्त के साथ अब जर्जर होता जा रहा है तथा इसे संरक्षित किया जाना अति आवश्यक है। वरना यह इतिहास के पन्नों में डूब कर रह जाएगा, क्योंकि मंदिर लकड़ी का बना है यहां अग्नि शमन यंत्र रखे जाने का प्रबंध होना चहिए। मंदिर भित्ति चित्रों पर हर आने वाले आगंतुक अपना नाम लिख देता है, जिससे चित्रों को क्षति पहुंच रही है। भाषा एवं संस्कृति विभाग को तुरंत इस मंदिर की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए वरना यह धरोहर नष्ट होने के कगार पर है। उधर, इस संदर्भ में जिला भाषा अधिकारी का कहना है वह तुरंत इस मंदिर का दौरा करेंगे तथा इसमें जो भी कमियों होंगी उन्हें दूर करने के लिए योजना बना कर उच अधिकारियों को स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी।


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