नर्सिंग सेवाभाव का श्रेष्ठ करियर

By: Jun 20th, 2018 12:15 am

जिस प्रकार एक मां अपने बीमार बच्चे की देखभाल करती है, ठीक उसी प्रकार नर्स मां के रूप में काम करती है, लेकिन इन्हें सिस्टर कहने का प्रचलन है। आज के हैल्थ केयर सिस्टम में नर्सें महत्त्वपूर्ण और जीवनदायिनी की भूमिका निभा रही हैं…

नर्सिंग दुनिया का सबसे ज्यादा सेवामय पेशा है। मेडिकल का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है,जहां नर्सों की जरूरत न होती हो। यदि आपमें भी सेवा करने का जज्बा है तो इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। सेवा ही इस करियर की पहचान है। जिस प्रकार एक मां अपने बीमार बच्चे की देखभाल करती है ठीक उसी प्रकार नर्स मां के रूप में काम करती है, लेकिन इन्हें सिस्टर कहने का प्रचलन है।

आज के हैल्थ केयर सिस्टम में नर्सें महत्त्वपूर्ण जीवनदायिनी की भूमिका निभा रही हैं। दरअसल ये मरीज की शारीरिक पीड़ा को अच्छी तरह समझ कर उन्हें बीमारियों से लड़ने का एक मानसिक जज्बा भी देती हैं।

एम्स में काम करने वाले डाक्टर अविनाश गुप्ता कहते हैं कि किसी मरीज को ठीक करने में नर्सों का योगदान 60 प्रतिशत और डाक्टर का योगदान केवल 40 प्रतिशत होता है। जो लड़कियां या लड़के सोशल वर्क को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन करियर साबित हो सकता है। आजकल जितनी तेजी से हैल्थ केयर सेंटरों का विकास हो रहा है इससे असीम संभावनाओं के द्वार खुलने लगे हैं। एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ  भारत में 2018 तक करीब दस लाख से अधिक प्रशिक्षित नर्सों की जरूरत होगी।

कमी नहीं अवसरों की

हैल्थ सर्विस के बढ़ते नेटवर्क और सरकारी योजनाओं के कारण देश में नर्सों की मांग लगातार बढ़ रही है। बतौर नर्स किसी प्रोफेशनल को अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, हैल्थ डिपार्टमेंट, पुनर्वास गृहों, मिलिट्री ठिकानों, इंडस्ट्रियल हाउसेज,कारखानों, रेलवे और पब्लिक सेक्टर के मेडिकल डिपार्टमेंट व ट्रेनिंग इंस्टीच्य़ूट आदि में काम करने का अवसर मिलता है।

क्या हो योग्यता

एएनएम या हैल्थ वर्कर – इसके लिए योग्यता के रूप में अभ्यर्थी का 10वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। इस कोर्स की अवधि 18 माह की होती है।

जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी जीएनएम

इस कोर्स के लिए अभ्यर्थी को 12वीं कक्षा में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान विषय के साथ 40 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि साढ़े तीन साल की होती है।

बीएससी इन नर्सिंग, बेसिक

इसके लिए 12वीं में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान के साथ 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि चार साल की होती है।

बीएससी इन नर्सिंग, पोस्ट बेसिक –  इस दो वर्ष की अवधि के कोर्स के लिए 12वीं के साथ-साथ जीएनएम की डिग्री भी होनी चाहिए। यदि 12वीं और जीएनएम के साथ कम से कम दो साल का अनुभव भी हो तो इसे दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से तीन वर्षों में भी पूरा किया जा सकता है।

एमएससी इन नर्सिंग- नर्सिंग में एमएससी करने के लिए नर्सिंग में 55 प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी की डिग्री के साथ-साथ एक साल का अनुभव भी आवश्यक है। इस कोर्स की अवधि दो साल होती है।

विश्व भर में है मांग

नर्सिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आज यूरोपीय देशों और खाड़ी देशों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया आदि में नौकरी की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। विदेशों में इस नौकरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन नेशनल हैल्थ सर्विस ही प्रतिवर्ष एक हजार से अधिक भारतीय नर्सों की भर्ती करती है। विदेशों में काम करने के लिए कमीशन ऑफ ग्रेजुएट ऑफ  फॉरेन नर्सिंग स्कूल (सीजीएफएनएस) और टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज (टफेल) आदि परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना पड़ सकता है। यदि आपका अमरीका में नौकरी करने का मन है तो सीजीएफएनएस परीक्षा को पास करना जरूरी होता है। इसके लिए देश में बंगलूर और कोच्चि में दो ही सेंटर हैं, जहां से सीजीएफएनएस सर्टिफिकेशन प्रोग्राम कर सकते हैं।

वेतन व सुविधा

निजी नर्सिंग होम्स में काम करने वाली नर्सों को शुरुआती दौर में 10  से 15 हजार रुपए तक मिलते हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों में काम करने वाली नर्सों को 12 हजार रुपए तक मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा कुछ अस्पताल में फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट तथा रहन-खाने की सुविधा आदि भी प्रदान करते हैं। यदि आप विदेश में काम करने के इच्छुक हैं, तो आप शुरुआती दौर में भारतीय मुद्रा के अनुसार 75 हजार से सवा लाख रुपए तक कमा सकते हैं।

कोर्स की रूपरेखा

नर्सिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा, अंडर ग्रेजुएट एवं सर्टिफिकेट आदि कई तरह के कोर्स होते हैं, जिनमें से छात्र अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। नर्सिंग में बीएससी करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी किया जा सकता है। इसके तहत डाइटेटिक्स, कार्डियोलॉजिस्ट, पिडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी व ऑर्थोपेडिक्स आदि विभिन्न क्षेत्रों में से किसी में भी विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद इस क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी करने की भी सुविधा रहती है। अधिकांश अच्छे संस्थानों में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाता है। हां, योग्यता संबंधी न्यूनतम अंकों के प्रतिशत में संस्थान के अनुसार भिन्नता हो  सकती है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल

नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग आंदोलन का जन्मदाता माना जाता है। दया व सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल (दि लेडी विद द लैंप) के नाम से प्रसिद्ध हुईं। 12 मई, 1820 में एक समृद्ध परिवार में जन्मीं नाइटिंगेल ने सेवा का मार्ग चुना। सन् 1869 में महारानी विक्टोरिया ने उन्हें रॉयल रेडक्रॉस से सम्मानित किया। 13 अगस्त, 1910 को 90 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया।

प्रमुख शिक्षण संस्थान

* अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कालेज ऑफ  नर्सिंग, नई दिल्ली

* डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल स्कूल ऑफ  नर्सिंग, नई दिल्ली

* छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ

* इंस्टीच्य़ूट ऑफ  मेडिकल साइंस, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी

* केएनएच मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल, भागलपुर (बिहार)

* टांडा मेडिकल कालेज, कांगड़ा (हिप्र)

नर्सिंग है क्या

नर्सिंग इन दिनों एक उजले करियर के रूप में सामने आया है। यह एक ऐसा कोर्स है जिसे गांवों से लेकर शहर तक के छात्र करना पसंद करते हैं। नर्सिंग का कोर्स वे लोग भी करना चाहते हैं जो समाज की सेवा करना चाहते हैं। नर्स वे कार्य करती है जो डाक्टर भी नहीं करते हैं। अगर देखा जाए तो डाक्टर भी नर्स के बिना कुछ नहीं कर सकता है। आप नर्सिंग का कोर्स करके लोगों की सेवा कर सकते हैं। नर्स का कार्य बहुत ही उत्तरदायित्त्वपूर्ण कार्य है। जो लोग दूसरों की सेवा करने की भावना रखते हैं, उनको ये कोर्स जरूर करना चाहिए। वे इससे न सिर्फ  सबकी सेवा भी कर सकते हैं, बल्कि अपने पैरों पर भी खड़े हो सकते हैं और एक अच्छी तनख्वाह भी कमा सकते हैं।

जैसे ही हम नर्स का नाम सुनते हैं, वैसे ही ऐसा लगता है कि यह क्षेत्र सिर्फ  और सिर्फ  महिलाओं के लिए ही है, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। आपको ये भी बता दें कि ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि महिलाएं ज्यादा अच्छे तरीके से देखभाल करती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह क्षेत्र केवल महिलाओं के लिए ही है। इस क्षेत्र में दोनों ही महिला हों या पुरुष, अपना भविष्य बना सकते हैं। जो लोग दूसरों की सेवा करने की भावना रखते हैं, उनको ये कोर्स जरूर करना चाहिए। वे इससे न सिर्फ  सबकी सेवा भी कर सकते हैं,बल्कि अपने पैरों पर भी खड़े हो सकते हैं और एक अच्छी तनख्वाह भी कमा सकते हैं।

डाक्टर के बाद एक नर्स ही होती है, जो मरीजों के सबसे करीब रहती है। कभी कभी उसके सामने ऐसी परेशानियां भी आती हैं, जिन्हें उसे चुपचाप सहना भी होता है।

* कार्डियोलॉजिकल नर्सिंग

* क्रिटिकल केयर नर्सिंग

* नेफ्रोलॉजिकल नर्सिंग

* न्यूरो-साइंस नर्सिंग

* साइकेट्रिक नर्सिंग

* पीडियाट्रिक नर्सिंग

* ऑर्थोपीडिक नर्सिंग

*  ऑनकोलॉजिकल नर्सिंग

शैक्षिक योग्यता 

जीएनएम नर्सिंग

इसके लिए कम से कम योग्यता 12 वीं पास होनी चाहिए, वह भी भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान के साथ। और साथ ही कम से कम 40 से 50 प्रतिशत अंक भी होने चाहिए। आयु 17 से 35 के बीच होनी चाहिए।

बीएससी नर्सिंग

इसके लिए 10+2 परीक्षा भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, जीव विज्ञान विषय सहित उत्तीर्ण होनी चाहिए। 10+2 अथवा इंटरमीडिएट परीक्षा में कम-से-कम 55 प्रतिशत अंक भी होने चाहिए। आयु 17 से 35 के बीच होनी चाहिए।


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