निर्माण के अवैध स्तंभ

By: Jun 23rd, 2018 12:05 am

स्वास्तिक ठाकुर, पांगी, चंबा

माननीय उच्च न्यायालय ने अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल्लू के कसोल में 48 होटलों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सील करने का आदेश दिया है। पर्यटक स्थलों पर निर्माण की ऊंची उठती मंजिलों को अब तक सामान्य जन विकास के रूप में देखता रहा है। यहां तक कि प्रदेश में आने वाले पर्यटक भी विकास की इस खबर को देखकर अंचभित होते रहे हैं। अब इस बेतरतीव निर्माण पर न्यायालय का हथौड़ा चल रहा है, तो समझ में आ रहा है कि लालच के इस निर्माण तले आखिर कितने नियम दफन हैं। इस पूरे परिप्रेक्ष्य में हिमाचल की एक ऐसी तस्वीर उभरकर सामने आ रही है, जिसके कानूनी एवं नैतिक नियमों का उठता जनाजा सहज ही देखा जा सकता है। यहां यह समझना भी मुश्किल नहीं होगा कि अतिक्रमण मानवीय फितरत में कितनी गहराई तक उतर चुका है। माननीय न्यायालय की सख्त कार्रवाई में अब कई गुनहगार दिखने लगे हैं, तो सवाल यह भी उठता है कि जब यह निर्माण हो रहा है, तब हमारी सरकारें कहां सोई थीं? साफ है कि यह निर्माण रातोंरात तो नहीं हुआ होगा, बल्कि एक लंबे दौर में अवैध निर्माण का यह सिलसिला मुकम्मल हुआ होगा। प्रदेश सरकार में पर्यटन, वन एवं पर्यावरण, लोक निर्माण और जंगलात महकमा इस पूरी प्रक्रिया से बेखबर कैसे रहे? नियमों के खिलाफ खड़े इस निर्माण पर न्यायालय तो अपने हिसाब से कार्रवाई करेगा ही, लेकिन सरकारों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि आइंदा ऐसा निर्माण प्रदेश में न हो पाए।

 


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