पहाड़ी गांधी कांशी राम का निवास स्थान था डाडासीबा

By: Jun 20th, 2018 12:05 am

डाडासीबा पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम की निवास स्थली थी। सीबा अब पौंग डैम में जलमग्न हो गया है। प्राचीन काल में डाडा को गंधपुर का घटा नाम से जाना जाता था। अब गंधपुर डाडासीबा से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है…

डगशाई जेल

165 वर्ष पुरानी छावनी की शिल्पकला और ऐतिहासिक विरासत को पुनर्जीवित करने के दृष्टिकोण, सेना ने जेल की ऐतिहासिक संगतता को दर्शाने के लिए एक संग्रहालय की स्थापना की है, जहां आइरिश विद्रोह के नेताओं को कैद में रखा गया था। यह संग्रहालय 13 अक्तूबर, 2011 ई. को 9 इन्फेंटरी डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमाडिंग मेजर जनरल एम.के.गैडोक द्वारा ब्रिगेडियर पी.एन. अनंतनारानन, कमांडर 95 इन्फेंटरी  बिग्रेड, असैनिक प्रतिष्ठितजन, स्कूलों के बच्चों और स्थानीय निवासियों की उपस्थिति में लोगों को समर्पित किया। 1849 ई. में 72,873 रुपए जो उन दिनों एक बहुत बड़ी राशि समझी जाती थी, से निर्मित इस जेल में 54 कैदी कोठरियां हंै। इनमें वे एकांत कोठरियां भी शामिल हैं, जो प्रकाश की किरण से भी विहीन थीं और जहां कैदी मुश्किल से खड़ा भी नहीं हो सकता था ताकि उसे तंग करने के लिए उसको हर प्रकार के आराम से वंचित किया जाए। यहां पर एक गुना दो फुट के रोशनदान द्वारा हवा का आगमन होता था।

चिंतपूर्णी

यह जिला ऊना में स्थित है। प्रसिद्ध मंदिर होशियारपुर, धर्मशाला  सड़क पर भरवाईं से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। एक पाषाण पिंडी देवी का प्रतिनिधित्व करती है। मुख्य मेला श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के पहले 10 दिनों में लगता है। यह धामिर्क स्थान उत्तरी भारत के भक्तों में काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नियंत्रण हिमाचल प्रदेश सरकार करती है।

डाडासीबा

यह जिला कांगड़ा में स्थित है। यह पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम की निवास स्थली थी। सीबा अब पौंग डैम में जलमग्न हो गया है। प्राचीन काल में डाडा को गंधपुर का घटा नाम से जाना जाता था। अब गंधपुर डाडासीबा से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। डाडा गांव की स्थापना डाडू राणा द्वारा की गई बताई जाती है और बडवोर गांव बदन सिंह राणा द्वारा(दोनों भाई बलोचिस्तान से आए थे)। उन्होंने टांकरी और लहड़े नामक लिपियों का परिचय भी कराया। ये लिपियां बलोचिस्तान के टाक और लैंडीकोटल प्रदेशों से संबंध रखती हैं। ये प्रवासी बलोचिस्तान से सिब्बी गांव में आकर बसे और इन्हें सिवैये और बाद में सिपहिए कहा गया।

चूड़धार

चूड़धार शिखर सिरमौर जिला में स्थित है और खेतों के संपूर्ण परिदृश्य, जंगलों और कंदराओं पर प्रभुत्व जमाए हुए है। शिखर दक्षिण की ओर गंगा के मैदानों और सतलुज नदी के मनोहारी दृश्य को दर्शाता है। उत्तर की ओर हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थान बद्रीनाथ है।

 


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