पानी को लेकर हाय तौबा शुरू

By: Jun 7th, 2018 12:05 am

 रिकांगपिओ —पानी की किल्लत अब किन्नौर वासियों को भी सताने लगी है। किन्नौर के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल के साथ-साथ सिंचाई को लेकर लोगों में हाय तोबा मचनी शुरू हो गई है। जिला मुख्याल रिकांगपिओ पर ही नजर दौड़ाई जाए तो रिकांगपिओ वासिलों को इन दिनों पर्याप्त मात्रा में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसी तरह जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिती और भयानक होती जा रही है। किन्नौर में गत सर्दियों के दौरान पर्प्त मात्रा में बर्फबारी न होने के साथ-साथ इन दिनों बढती तेज गर्मी से नदी-नालों व प्राकृतिक जल स्त्रोंे में पानी की मात्रा बहुत कम दर्ज होनी शुरू हो गई है। ग्रामीणों में चिंता यह सताने लगी है कि यदि गर्मी का तांडब तीन सप्ताह भी और इसी तरह जारी रहा तो जिला के कई क्षेत्रों में सेब के बगीचे तेजी से जुलसने शुरू हो जाएगें। पानी की बारी कमी से झुज रहे किन्नौर जिला के स्पीलो व करला के ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से पानी की पर्प्त आपूर्ति को लेकर गुहार लगाई है स्पीलो व करला के ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में सिंचाई पानी की कमी के चलते स्पीलो व करला के बागवानों के सेब के बगीचे जुलसने शुरू हो गए है। उन का कहना है कि कानम, लाबरंग, स्पीलो व करला के ग्रामीणों का एक मात्र जल स्त्रोत कानम नाला है। गत सर्दियों में बर्फबारी कम होने के कारण नाले में पानी की मात्रा बहुत कम दर्ज किया जा रहा है। कम पानी के कारण सिंचाई पानी स्पीलो तक नहीं पंहुच पा रहा है। उन का कहना है कि यदि समय रहते सरकार, प्रशासन व आईपीएच विभाग इस दिक्षा में कोई बडा कदम नहीं उठाती है तो यहां के सेब के बगीचे जो जल्द सूख जाएगें। पानी की कमी को लेकर उरनी, मीरू, चगांव आदि क्षेत्रों के लोग भी खासी असुविधा उठा रहे है। किन्नौर के ग्रामीणों ने सरकार, प्रशासन व आईपीएच विभाग के अनुरोध किया है कि जिला में पानी को लेकर पेश आ रही भंयकर स्थिती पर समय रहते ठोस कदम उठाया जाए अन्यथा कुछ दिनों में ही स्थिती कंट्रोल से बाहर हो सकती है।

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