पालमपुर-गगल में सूखे पेड़

By: Jun 15th, 2018 12:05 am

केपीसी चौहान, धीरा

खेद का विषय है कि आज समाज के हर वर्ग में स्वार्थ की भावना बढ़ती जा रही है। जहां अपना कोई फायदा दिखाई देता है, वहां लोग अपना योगदान देने की इच्छा प्रकट करते हैं, परंतु जहां कोई सार्वजनिक बुराई नजर आती हो तो जान-बूझकर आंखें मूंद लेते हैं। कुछ ऐसी ही प्रवृत्ति हमारे सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों में व्याप्त है। मैं जनता का ध्यान राष्ट्रीय उच्च मार्ग-20 के किनारे खड़े सैकड़ों सूखे पेड़ों की ओर आकर्षित करवाना चाहता हूं। पालमपुर से लेकर गगल-मटौर तक करीब 30 किमी के भाग में सैकड़ों सूखे पेड़ सड़क के दोनों ओर खड़े हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनको काटने और हटाने की ओर न लोक निर्माण विभाग और न ही वन विभाग की कोई रुचि है। इस मार्ग पर हजारों की गिनती में हर रोज छोटी-बड़ी गाडि़यां गुजरती हैं। कभी भी कोई पेड़ टूटकर किसी गाड़ी के ऊपर गिर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है। कुछ समय पूर्व किसी व्यक्ति के इस समस्या को उजागर करने पर वन विभाग की प्रतिक्रिया आई थी कि यदि लोक निर्माण विभाग बोलेगा, तो सूखे पेड़ों को हटाने की कार्रवाई करेंगे। इसके आगे कुछ नहीं हुआ। आए दिन वन विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस मार्ग से आते-जाते होंगे। क्या उनको यह आभास नहीं होता और क्यों नहीं? क्यों सरकारी कर्मचारी अपने रवैये को नहीं बदलते हैं? क्यों आम जनता के हित में अपना फर्ज पूरा नहीं करते। मेरा जिला प्रशासन से भी अनुरोध रहेगा कि वह यथाशीघ्र इस दिशा में अपने आदेश और निर्देश जारी करे।

 


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