भारत के 2000 करोड़ डूबे

By: Jun 14th, 2018 12:06 am

रूस से टूटी डील, नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट डिवेलप करने का था समझौता

नई दिल्ली— रूस के साथ मिलकर नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट डिवेलप करने की नौ अरब डालर की डील टूट गई है। इसका कारण डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) का यह दावा करना है कि उसके पास इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी सभी टेक्नोलॉजी मौजूद है या वह इसे देश में डिवेलप कर रहा है। हालांकि डील टूटने से रूस को दी गई भारत की करीब 2000 करोड़ रुपए की शुरुआती रकम भी डूब गई है। इस डील से भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाता, जिनके पास फिफ्थ जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट मौजूद हैं। ये एयरक्राफ्ट अमरीका और चीन के पास हैं। भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस फाइटर एयरक्राफ्ट को खरीदने के फैसले के साथ यह डील रद्द की गई है। डील के लिए बातचीत में शामिल सूत्रों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रगति न होने की वजह डीआरडीओ का यह जोर देना था कि उसके पास इसके लिए जरूरी टेक्नोलॉजी डिवेलप करने की क्षमता है। रूस ने भारत को फिफ्थ जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट मिलकर डिवेलप करने की पेशकश की थी। इसके लिए अधिकांश रिसर्च भारत में करने के साथ ही टेक्नोलॉजी के पूरे ट्रांसफर पर भी सहमति बनी थी। भारत ने इस प्रोजेक्ट के शुरुआती डिजाइन के लिए रूस को 29.5 करोड़ डालर का भुगतान भी किया था। एक अधिकारी ने बताया कि डील रद्द होने के साथ ही यह रकम भी डूब गई है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से इस वर्ष की शुरुआत में इस प्रोजेक्ट पर आयोजित की गई उच्च स्तरीय मीटिंग में वायु सेना ने अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के रूस के प्रोपोजल पर आशंका जताई थी। मीटिंग में वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रोजेक्ट में सुधार करने की संभावना जताई थी। इसके साथ ही मीटिंग में डीआरडीओ से डील से देश में मॉडर्न टेक्नोलॉजी आने पर राय देने को कहा गया था। डीआरडीओ के प्रमुख एस क्रिस्टोफर के स्पष्ट जवाब देने से डील रद्द होना तय हो गया था। भारत ने अब रूस को बताया है कि फाइटर एयरक्राफ्ट की डिवेलपमेंट में शामिल नहीं होगा, लेकिन इसकी टेक्नोलॉजी की क्षमता साबित होने के बाद भविष्य में इसे खरीदने पर विचार करेगा। इस डील में भारत की जरूरतों के अनुसार फाइटर एयरक्राफ्ट बनाया जाना था। इसके चार फ्लाइंग प्रोटोटाइप की डिलीवरी 2019-20 तक होनी थी। इसमें भारत में कम से कम 127 एयरक्राफ्ट का प्रोडक्शन भी शामिल था। भारतीय वायु सेना की घटती ताकत को मजबूत करने के लिए रूस ने अपने 20 पुराने मिग 29 फाइटर जेट 2000 करोड़ रुपए से कुछ अधिक में बेचने की भी पेशकश की है। हालांकि, इस प्रोपोजल को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

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