मुख्य सचिव दो हफ्ते में दें जवाब
इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल शिमला में पार्किंग अव्यवस्था पर हाई कोर्ट तल्ख
शिमला— इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल शिमला में पार्किग सुविधा मुहैया न करवाए जाने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा ने राज्य सरकार के ढुलमुल रवैये पर कड़ी टिप्पणी की है। खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल शिमला प्रदेश का पहला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है और राज्य सरकार द्वारा यहां पर पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है। खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि इससे पहले कि अदालत कोई कठोर आदेश पारित करे, उससे पहले राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिए कि वह दो सप्ताह के भीतर निजी शपथपत्र दायर कर अदालत को बताएं कि इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल शिमला में पार्किंग सुविधा मुहैया करवाए जाने बारे क्या कदम उठाए गए। अदालत ने मुख्य सचिव को आदेश दिए कि वह शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताए कि इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल शिमला में हर रोज कितने डाक्टर, कर्मचारी और बीमार व्यक्ति आते हैं। अदालत ने निर्माणाधीन पार्किंग बारे पूछा है कि इस पार्किंग को कितने समय में तैयार कर दिया जाएगा। यदि मुख्य सचिव ने दो सप्ताह के भीतर अपना शपथ पत्र दायर नहीं किया तो उस स्थिति में वह मामले की आगामी सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष उपस्थित रहे।
अदालत की टिप्पणी
जो अधिकारी आम जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने में नाकाम रहे हैं या तो उनका कोई विजन नहीं है या फिर वह इस बारे में कोई परवाह नहीं कर रहे हैं। एक दिन वह भी इसी अस्पताल में बीमारी की हालात में आएंगे और अपने ही कृत्य के शिकार होंगे..’
फैसला सुरक्षित
शिमला — जंजैहली में एसडीएम कार्यालय खोले जाने वाली अधिसूचना को हाई कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने वाले निर्णय के खिलाफ प्रार्थी चेत राम ठाकुर द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर प्रदेश हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
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