रमजान में महिलाओं की बड़ी जिम्मेदारियां

By: Jun 3rd, 2018 12:05 am

रमजान के महीनें में भी महिलाओं पर बड़ी जिम्मेदारियां रहती हैं। पहली बात तो यह कि वे स्वयं भी रोजे रखती हैं उसके साथ हर प्रकार का कार्य भी करती हैं, आराम तो जैसे उनके भाग्य में लिखा ही न हो। चांद रात से ही उनकी मशक्कतें शुरू हो जाती हैं। रोजा रखने के लिए महिलाओं को प्रातः 2:45 या 3:00 बजे उठना पड़ता है। उठने के बाद उन्हें अपने लिए और बाकी सभी लोगों के लिए सेहरी बनानी पड़ती है, जिसमें रोटी, सब्जी, दाल, चावल, सेवइयां आदि सभी वस्तुएं परिवार के भिन्न-भिन्न सदस्यों की पसंद के अनुसार बनानी पड़ती हैं।  फिर जब वे बरतन आदि धोकर फ्री होती हैं तो बच्चों का स्कूल जाने का समय हो गया और उनके लंच बॉक्स, पानी की बोतलें, बस्ते आदि तैयार करने की कार्रवाई शुरू होती है। थोड़ी देर के लिए कमर सीधी कर लेती हैं। मगर वह भी बस कम समय के लिए क्योंकि उसके बाद घर की सफाई एवं कपड़े आदि धोने का सिलसिला चलता है। उसके बाद उन्हें फिर रसोई में बच्चों के लिए भोजन तैयार करना होता है। कुछ माताएं तो स्कूल से इस धूप और गर्मी में बच्चों को भी घर वापस लाती हैं। बच्चों को खाना परोसने के साथ उन्हें इबादत का भी ध्यान रखना पड़ता है। साथ नमाजें और कुरान का पढ़ना चलता रहता है। फिर बच्चों से फ्री होने के बाद शाम के इफ्तार और खाने का सिलसिला शुरू हो जा जाता है। सब्जी बनाना आदि । इसके बाद इफ्तार की बारी होती है और फिर रात के खाने की।

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