रिटायरमेंट से पहले सरकारी घर

By: Jun 20th, 2018 12:07 am

आईजीएमसी में सामने आया हैरान कर देने वाला मामला, दूसरों की सेवानिवृत्ति से पहले हो गई बुकिंग

शिमला – प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कालेज आईजीएमसी में एक ओर हैरान कर देने वाला मामला सामना आया है। आईजीएमसी के सरकारी आवास के लिए एक साल पहले ही डाक्टरों की बुकिंग करवा ली गई है। दर्जनों डाक्टरों और नर्सों के अलावा स्टाफ की ऐसी लिस्ट जारी की गई है, जिनके नाम पर आईजीएमसी के सरकारी आवास की बुकिंग करवा ली गई है। हांलाकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि नियमों के अनुसार वर्ष 2018 ओर 2019 के वित्त वर्ष के दौरान वे आवास की अलॉटमेंट लिस्ट जारी कर सकते हैं। आईजीएमसी प्रशासन की ओर से जारी की गई मकान अलॉटमेंट लिस्ट से जहां कई डाक्टर और अन्य स्टाफ खुश हैं तो वहीं, जिन लोगों को सालों से अप्लाई करने के बाद भी मकान नहीं मिल रहा है, उनमें प्रशासन के खिलाफ खासा रोष भी पनप रहा है। अस्पताल के विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहुंच के आधार पर कई अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन से मकान अलॉट तो करवा दिए लेकिन जो सालों से सरकारी आवास के लिए इंतजार में बैठे हंै उनके बारे में प्रशासन सोचना भी भूल गया। आरोप तो यह भी है कि इसके बारे में उन चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को नहीं पूछा गया जो ट्रांसफर होकर शिमला में आए हैं। अस्पताल के स्टाफ के रिटायर होने से एक साल पहले ही स्टाफ को सरकारी आवास अलॉट कर देना अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी कई बार अस्पताल के सरकारी आवास को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं। सूत्र तो यहां तक भी बताते हैं कि आईजीएमसी के सरकारी अस्पतालांें में ऐसे भी कई स्टाफ सालों से रह रहे हैं, जिन्हेंं रिटायर हुए तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया है। बावजूद इसके प्रशासन उन पर कार्रवाई करने की बजाय पहंुच रखने वाले स्टाफ के नाम पर एक साल पहले ही बुकिंग करवा रहे हैं। अस्पताल की ओर से जारी की गई अलॉटमेंट की लिस्ट से अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है।


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