लाइब्रेरी में युवा

By: Jun 25th, 2018 12:05 am

एचपीयू में दो लाख किताबें

प्रतियोगिता में अव्वल रहने के लिए अच्छी किताबों व कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। युवा वर्ग के लिए प्रदेश की लाइब्रेरियों में अच्छी-अच्छी पुस्तकें उपलब्ध   हैं। लिहाजा पुस्तकालय में युवा वर्ग की दिलचस्पी बढ़ रही है…

प्रदेश के एक मात्र विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में साढ़े चार हजार सदस्यों की सदस्यता है। इनमें छात्रों के साथ ही एचपीयू के शिक्षक और गैर शिक्षक भी शामिल हैं। पुस्तकालय में मात्र एक हजार के करीब छात्रों के बैठने की ही सुविधा है।

पुस्तकालय में हर विभाग के लिए अपना एक अलग-अलग सेक्शन तो बना है, लेकिन जहां बैठकर छात्र किताबों को पढ़ सकें, इसके लिए मात्र 990 कुर्सियां ही विवि में इस पुस्तकालय में लगाई गई है। पुस्तकालय की हालत के बारे में बात की जाए तो इस मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को 1972 में आर्यभट्ट शैली पर बना कर तैयार किया गया है, लेकिन तब से लेकर अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं हो पाया है। न ही इस पुस्तकालय में स्पेस को बढ़ाया गया है न ही इसके भवन के स्ट्रक्चर में किसी तरह का कोई बदलाव हो पाया है। विश्वविद्यालय के इस पुस्तकालय में हजारों छात्र सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक आकर पढ़ सकते हैं। पुस्तकालय में छात्रों के लिए अलग-अलग विषयों सहित साहित्य, कला, इतिहास और प्रतियोगी परीक्षाओं की 2 लाख के करीब पुस्तकें इस पुस्तकालय में है। पुस्तकालय में छात्रों को फ्री वाई-फाई की सुविधा के साथ ही एक साइबर सेंटर की भी सुविधा दी जा रही है, जिसमें शोधार्थी अपने शोध से जुड़ी सामग्री सर्च कर सकते है। इसके साथ ही सेक्शन में कौन सी किताब कहा रखी गई है इसकी जानकारी भी कयोस्क मशीन से छात्रों को एक क्लिक पर ही प्राप्त हो रही है।

कहां, कितनी किताबें

बिलासपुर : 60 हजार

नाहन पुस्तकालय : 60 हजार

कुल्लू लाइब्रेरी : 60 हजार

पालमपुर कृषि विवि : 93547

नौणी विवि : 71547

एचपीयू : दो लाख

मंडी : 55 हजार

धर्मशाला : सवा लाख

ऊना : 40 हजार

हमीरपुर : 35754

पुस्तकालय को बढ़ावा दे रही सरकार

सुरेश भारद्वाज शिक्षा मंत्री

पुस्तकालयों के माध्यम से छात्रों की क्षमता निर्माण पर सरकार की क्या योजना है?

— : सरकार द्वारा छात्रों के क्षमता निर्माण के लिए विद्यालय में पुस्तकालय निर्माण के लिए पैसा उपलब्ध करवाया जा रहा है। केंद्र सरकार से भी राशि इस योजना के लिए मंजूर करवाई गई है और छोटे से छोटे विद्यालयों में भी पुस्तकालय निर्माण पर बल दिया जा रहा है, ताकि छात्र बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके।

करियर बनाने को उत्सुक छात्रों के लिए संस्थानों में संदर्भ ग्रंथ उपलब्ध करवाने के लिए बजट का क्या प्रावधान है?

— : जिन स्कूलों में पुस्तकालयों के लिए बजट सरकार दे रही है, उनमें सभी तरह की पुस्तकें खरीदने के लिए भी बजट मुहैया करवाया जा रहा है। छात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं के साथ ही संस्कृति, सभ्यता और इतिहास से जुड़ी सारी जानकारी ले सके, इसके लिए सभी तरह की पुस्तकें पुस्तकालयों में मुहैया करवाने के लिए बजट सरकार दे रही है।

ऑनलाइन लाइब्रेरी सुविधा के लिए हिमाचल सरकार क्या किसी विशेषज्ञ सेवा प्रदाता से संपर्क में है?

— : अभी इस तरह की कोई तैयारी नहीं की गई है। अभी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योजनाएं बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। जल्द ही ऑनलाइन लाइब्रेरी के लिए भी योजना सरकार द्वारा तैयार की जाएगी।

क्या प्रदेश सरकार अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए स्तरीय पुस्तक मेलों के आयोजन की दिशा में सोच रही है?

— : अभी स्तरीय पुस्तक मेलों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जिला बिलासपुर में एक बड़ा सतरीय पुस्तकालय बनाने के लिए बजट मिला है। इस बजट से बिलासपुर में जो पुस्तकालय है,उसका विस्तार कर उसे एक बड़े स्तर का स्तरीय पुस्तकालय बनाया जाएगा जिसका लाभ प्रदेश के छात्रों को मिल सकेगा।

इसलिए बढ़ रहा क्रेज

युवाओं को पुस्तकालयों के प्रति क्रेज बढ़ने के पीछे एकमात्र कारण प्रतियोगी परीक्षाएं हैं , जिनकी तैयारी के लिए युवा वर्ग पुस्तकालयों का सहारा ले रहे हैं। आज हरेक सेक्टर में प्रतियोगिता है और प्रतियोगिता में अव्वल रहने के लिए युवाओं को जरूरी है कि वह पूरी तैयारी के साथ जाएं। पुस्तकालयों में उनके लिए जरूरी पुस्तकें उपलब्ध हैं खासकर स्टेट लाइब्रेरी की बात करें तो यहां पर न केवल शिमला के युवा बल्कि पूरे प्रदेश के युवा पंजीकृत हैं, जो अपनी सहूलियत के अनुसार यहां आते हैं और अपने लिए किताबें लेकर उनसे नोट्स बनाकर ले जाते हैं।  आज सरकारी व निजी क्षेत्र के साथ बैंकिंग व अन्य सेक्टर में प्रतियोगी परीक्षाएं ही चल रही हैं, जिनकी तैयारी करना जरूरी है। पुस्तकालयों में पढ़ने के लिए बच्चों को उनके अभिभावक भी प्रेरित करते हैं। हरेक माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा बड़ा अफसर बने,जिसकी नींव वह पुस्तकालयों से ही बढ़ा रहे हैं। इसके साथ घरों में दूसरी सुविधाएं भी बेशक उपलब्ध करवाई जा रही हैं परंतु फिर भी पुस्तकालयों की तरफ युवा वर्ग लगातार बढ़ रहा है ,जो दिलचस्प पहलू है।

प्रदेश में 945 पुस्तकालय

एक स्टेट लाइब्रेरी 11 डिस्ट्रिक 

लाइब्रेरियां 918 पब्लिक लाइब्रेरियां

स्टेट लाइब्रेरी में 70 हजार पुस्तकें

प्रदेश में सरकार ने 945 लाइब्रेरियां खोल रखी हैं, जिनके माध्यम से छात्रों युवाओं और जिज्ञासु लोगों को ज्ञानवर्द्धन किया जा रहा है। सरकार ने सभी जिलों के साथ-साथ स्कूलों में भी पब्लिक लाइब्रेरियां स्थापित की हैं, जहां भारी तादाद में विभिन्न पुस्तकें उपलब्ध करवा कर युवा पीढ़ी के ज्ञानवर्द्धन का कार्य किया जा रहा है।

सरकार द्वारा चलाई जा रही लाइब्रेरियों में विभिन्न प्रतियोगिता पुस्तकें, साहित्य पुस्तकें, मनोरंजन और विभिन्न विषयों से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश की राजधानी शिमला की बात करे तो शिमला में स्टेट लाइब्रेरी स्थापित है। अकेले स्टेट लाइब्रेरी में 70 हजार के करीब पुस्तकें हैं। जिला शिमला के ठियोग में डिस्ट्रिक लाइब्रेरी, कोटखाई और रामपुर में तहसील लाइब्रेरी, रोहड़ू में लाइब्रेरी, शिक्षा निदेशालय सहित जिला के 141 स्कूलों में लाइब्रेरी चलाई जा रही है।  राज्य की बात करें तो सोलन में सेंटर लाइब्रेरी स्थापित है। इसके अलावा 11 जिलों में लाइब्रेरी चल रही हैं। पांच कम्युनिटी सेंटर लाइब्रेरियां हैं। 5 तहसील लाइब्रेरियों के माध्यम से युवा पीढ़ी का ज्ञानवर्द्धन किया जा रहा है।

इसके साथ ही प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र भरमौर, काजा और केलांग में ट्रायबल लाइब्रेरियां चलाई जा रही हैं, जिसमें ज्ञानवर्द्धन के लिए हर तरह की पुस्तकें उपलब्ध हैं।  स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के ज्ञानवर्द्धन के लिए स्कूलों में भी लाइब्रेरिया स्थापित की गई हैं। स्कूलों की बात की जाएं तो प्रदेश के 918 स्कूलों में पब्लिक लाइब्रेरियां चलाई जा रही हैं, जबकि राज्य के कई अन्य स्थानों सहित स्कूलों में लाइब्रेरियों की स्थापना प्रस्तावित है।

ऑनलाइन स्टडी के प्रयास जारी

अमरदेव उच्च शिक्षा निदेशक

दिहि : कालेज के पुस्तकालयों को कैसे आधुनिक बनाया जा रहा है?

अमरदेव : प्रदेश के सभी कालेजों के पुस्तकालयों को डिजिटलाइजेशन की ओर ले जाया जा रहा है। इस मुहिम को करीब सभी कालेजों ने पूरा करने में सफलता भी पाई है। कालेजों के पुस्तकालयों में सॉल साफ्टवेयर और इनफीलीबनेट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनफीलीबनेट साफ्टवेयर के तहत कालेज एमएचआरडी को पांच हजार जमा करवाता है, जिससे वहां से एक आईडी मिलती है। उस आईडी को छात्रों को बताया जा रहा है, इससे वे एक क्लिक पर नई-नई किताबें पढ़ पाते है। इसके अलावा कालेजों को सॉल सॉफ्टवेयर अपडेट करवाने के भी निर्देश दिए गए है। इस सॉफ्टवेयर से छात्रों को एक क्लिक पर पता लग जाता है कि कौन सी किताब कहां और किस छात्र को इशू की गई है।

दिहि : पुस्तकालय के लिए शिक्षा विभाग के पास बजट का क्या प्रावधान है?

अमरदेव : कालेजों के पुस्तकालय के आधुनिकीकरण के लिए शिक्षा विभाग या राज्य सरकार से सीधे बजट का कोई प्रावधान नहीं होता है। यूजीसी से सीधे कालेजों को पुस्तकालय के निर्माण व इसके विकास के लिए काफी बजट आता है। कालेज प्रबंधन अपने लेवल पर उस बजट को पुस्तकालय के आधुनिकीकरण पर खर्च कर सकते हैं।

दिहि : आधुनिकीकरण की मुहिम चढ़ाने के लिए क्या कार्य योजना है ?

अमरदेव : सभी कालेजों के पुस्तकालय में छात्रों को ऑनलाइन स्टडी की सुविधा मिल सके, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे है। कालेजों को ऑनलाइन सॉल सॉफ्टवेयर व इनफीलीबनेट सॉफ्टवेयर अपडेट करने के निर्देश दे दिए गए है। प्रयास किया जाएगा कि जिन कालेजों में अभी तक ऑनलाइन सुविधा छात्रों को नहीं मिल रही है उसे भी जल्द उपलब्ध करवाया जाए।

प्रतियोगिता जीतने को लाइब्रेरी की दौड़

प्रतियोगिता में अव्वल रहने के लिए आज हरेक हिमाचली युवा लगातार दौड़ रहा है। बेशक इंटरनेट का दौर है और एक क्लिक पर हरेक किताब उपलब्ध है मगर पुस्तकालय की शांति और पढ़ाई का माहौल युवाओं को इस ओर आकर्षित कर रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि हिमाचल के युवाओं में पुस्तकालय जाकर पढ़ने की आदत बढ़ रही है और यह क्रेज पिछले दो तीन साल से काफी ज्यादा बढ़ गया है। प्रदेश में सरकार ने 945 लाइब्रेरियां खोल रखी हैं।  सोलन में सेंटर लाइब्रेरी स्थापित है। इसके अलावा 11 जिलों में लाइब्रेरी चल रही है। 5 कम्युनिटी सेंटर लाइब्रेरियां हैं। 5 तहसील लाइब्रेरियों के माध्यम से युवा पीढ़ी का ज्ञानवर्द्धन किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र भरमौर, काजा और केलांग में ट्रायबल लाइब्रेरियां चलाई जा रही हैं।   प्रदेश के 918 स्कूलों में पब्लिक लाइब्रेरियां चलाई जा रही हैं। इस जमाने में प्रदेश के पुस्तकालयों में बढ़ रही युवाओं की भीड़ बेशक अचरज में डालने वाली बात है क्योंकि इंटरनेट के दौर में इसकी उतनी जरूरत महसूस नहीं होती,लेकिन यह भी सच्चाई है कि प्रतियोगिता में अव्वल रहने के लिए पुस्तकालयों का सहारा लिया जा रहा है और इसके माध्यम से युवा कामयाब भी हो रहे हैं। शिमला में स्टेट लाइब्रेरी जो कि रिज भवन के नाम से भी मशहूर है की बात करें तो यहां पर आलम ये है कि युवाओं को बैठने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।   स्टेट लाइब्रेरी रिज पर चर्च के साथ ऐतिहासिक भवन में चल रही है। ऐसा ही हाल स्कैंडल प्वाइंट के नजदीक दूसरी लाइब्रेरी का भी है, जिसे गांधी भवन कहा जाता है, जहां पर पुस्तकालय के बाहर भी बच्चे पढ़ने के लिए बैठे नजर आते हैं। रिज भवन में बैठने के लिए 60 से 70 सीटें उपलब्ध हैं,जो कि हर वक्त भरी रहती हैं, वहीं दूसरे गांधी भवन में पुरानी अल्मारियों के बीच भी बच्चों को बैठा हुआ देखा जा सकता है। यहां पर करीब 160 सीटें हैं, जिसके बाहर भी युवा बैठे दिखाई देते हैं।  स्टेट लाइब्रेरी की बात करें तो यहां पर पुस्तकों की उपलब्धता काफी ज्यादा है। युवाओं को उनकी डिमांड के मुताबिक यहां पर पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। नवंबर व दिसंबर महीने में स्टेट लाइब्रेरी में पुस्तकों की डिमांड दे दी जाती है। पिछले साल यहां करीब 8 लाख रुपए के बजट से पुस्तकें मंगवाई गई थी।

ई-लाइब्रेरी नहीं बना एचपीयू का पुस्तकालय

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का पुस्तकालय इतने वर्ष बीतने के बाद भी ई-लाइब्रेरी में तबदील नहीं हो पाया है। विवि पुस्तकालय में मात्र थिसिस और जर्नल ही ऑनलाइन है जबकि पुस्तकें अभी ई-लाइब्रेरी का हिस्सा नहीं बन पाई है।

साल दर साल बढ़े पाठक

राज्य पुस्तकालय रिज भवन में वर्ष 2014 में 1047 बच्चों का पंजीकरण था जो वर्ष 2015 में बढ़कर 1088 तक पहुंच गया।  इसके बाद वर्ष 2016 में इस आंकड़े में एकदम से उछाल आया और आंकड़ा 1387 तक पहुंच गया। इसके बाद वर्ष 2017 में यहां पर पंजीकृत युवाओं की संख्या 2076 तक पहुंच गई है वहीं इस साल जून महीने तक 980 युवा यहां पर पंजीकृत हो चुके हैं जिनकी संख्या में रोजमर्रा की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

शिमला में बन रहा स्टेट लाइब्रेरी भवन

पूर्व सरकार के समय में शिमला में स्टेट लाइब्रेरी के लिए एक बड़ा भवन बनाने की सोच सामने आई। इस पर काम भी चल रहा है। विधानसभा के ठीक नीचे एक आलीशान भवन तैयार किया जा रहा है,जो कि स्टेट लाइब्रेरी होगी।


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