शिमला में पानी को 943 करोड़

By: Jun 24th, 2018 12:10 am

शिमला— शिमला के जल संकट के स्थायी समाधान के लिए विश्व बैंक आगे आया है। जल संकट निपटारे की संभावनाओं को शिमला पहुंची वर्ल्ड बैंक की टीम ने 943 करोड़ की फंडिंग जारी करने की हामी भर दी है। इससे शिमला शहर के पेयजल स्रोतों के निर्माण, सीवरेज तथा पेयजल वितरण तीनों ही समस्याओं का स्थायी समाधान हो जाएगा। वर्ल्ड बैंक 200 करोड़ की पहली किस्त सितंबर माह में जारी करेगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से स्वीकृत राशि जारी होगी। महत्त्वपूर्ण है कि वर्ल्ड बैंक की टीम ने हिमाचल सरकार को तुरंत प्रभाव से इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू करने की अनुमति दे दी है। हालांकि विश्व बैंक ने अलग-अलग बिंदुओं पर आधारित सात औपचारिकताओं को 31 जुलाई, 2018 से पहले पूरा करने की भी शर्त रखी है। इसमें पेयजल वितरण के लिए गठित होने वाले जल प्रबंधन बोर्ड के गठन का ढांचा और कंपनी के तमाम नियम शामिल है। शिमला पहुंची वर्ल्ड बैंक की टीम ने इसकी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए विश्व बैंक ने 31 जुलाई से पहले हिमाचल सरकार को तमाम औपचारिकताएं पूरी करने को कहा है। इस आधार पर वर्ल्ड बैंक सितंबर माह में जल संकट के पुख्ता प्रबंधों के लिए पहली किस्त जारी कर देगा। इससे शिमला शहर में शॉर्ट टर्म, मीडियम, लाँग टर्म के लिए प्लान तैयार हो जाएगा। शुक्रवार को वर्ल्ड बैंक का एक दल शिमला पहुंचा है। टीम ने दिन भर शिमला के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने के बाद शनिवार को हिमाचल सरकार के साथ बैठक की है। वर्ल्ड बैंक की टीम के साथ शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह और आईपीएच के सचिव दिवेश कुमार के साथ अलग-अलग बैठकें की है। इसके अलावा नगर निगम शिमला के अफसरों के साथ भी इस गंभीर मसले पर फीडबैक लिया गया। टीम की फाइनल बैठक हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव विनीत चौधरी के साथ हुई है। इस दौरान टीम ने जल संकट के स्थायी समाधान के लिए 943 करोड़ की राशि को जारी करने पर हामी भरी है। उल्लेखनीय है कि राजधानी शिमला में संभावित जल संकट से निपटने के लिए हिमाचल सरकार ने मजबूत प्लान तैयार किया है। इसके तहत जयराम सरकार ने शॉर्ट, मीडियम और लाँग टर्म के लिए तीन अलग-अलग एक्शन प्लान तैयार की हैं। अगले साल जल संकट को टालने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान ए-बी तैयार किए गए हैं। अगले दो से तीन सालों तक राजधानी शिमला को पर्याप्त जलापूर्ति के लिए मीडियम टर्म का ठोस प्लान तैयार किया गया है। इसी तर्ज पर अगले पांच साल तक शिमला में पेयजल संकट पैदा न हो इसके लिए लाँग टर्म एक्शन प्लान पुख्ता किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद हिमाचल सरकार ने जल संकट से निपटने के लिए अपना एक्शन प्लान तैयार किया है। तैयार एक्शन प्लान के तहत तीनों टर्म के इन अलग-अलग प्लान पर कुल 943.47 करोड़ का खर्च प्रस्तावित है। इसमें अमृत योजना के तहत 71.56 करोड़ की राशि का प्रावधान कर लिया गया है। विश्व बैंक के तहत 710 करोड़ स्वीकृत है। हिमाचल सरकार अपने संसाधनों से 161.91 करोड़ खर्च करेगी।


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