संवेदनशील सड़कों स्पाटों को करें चिन्हित

By: Jun 20th, 2018 12:05 am

चंबा – जिला में मानसून के दस्तक देने से पहले जिला प्रशासन इससे निपटने की तैयारियों में जुट गया है। जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार को मानसून से निपटने की तैयारियों की समीक्षा को लेकर बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन आथागरिटी हरिकेश मीणा ने की। उन्होंने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वें अपने-अपने उपमंडलों में नियंत्रण कक्षों को 20 जून से ही कार्यशील कर लें। इसके अलावा जिला आपदा प्रबंधन अथारिटी का जिला मुख्यालय पर स्थित टोल फ्री नंबर 1077 भी चौबीसों घंटे कार्य करेगा।   उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग भूस्खलन को लेकर संवेदनशील जगहों और खतरनाक सड़कों को चिन्हित करके उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भी उपलब्ध करें। उपायुक्त ने ये हिदायत भी दी की विभिन्न उपमंडलों में नदी-नालों के किनारे और बरसात से होने वाले नुकसान के दृष्टिगत संवेदनशील जगहों पर रहने वाले लोगों को बरसात से पहले ही अंयत्र सुरक्षित जगहों  पर रहने के लिए कहा जाए, ताकि बरसात की वजह से होने वाले जान माल की क्षति को रोका जा सके। उन्होंने ग्राम स्तर पर गठित ग्राम आपदा प्रबंधन समितियों को कार्यशील बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी ग्राम आपदा प्रबंधन समितियों के मोबाइल नंबरों की सूची भी तैयार की जाए, ताकि किसी आपदा की सूरत में सूचनाओं का आदान प्रदान तत्परता के साथ किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि बरसात के सीजन के दौरान विशेष तौर से लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत बोर्ड और परिवहन निगम को अपनी सेवाओं को बहाल करने को लेकर समय रहते अपनी कार्य योजना तैयार करनी चाहिए ताकि आपदा की सूरत में योजना के मुताबिक कार्य अंजाम दिए जा सकें। पुलिस और होमगार्ड्स भी आपदा से निपटने को लेकर अपनी तैयारियां मुकम्मल कर ले। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध है। आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को बचाव और राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए यदि अभी भी जरूरी उपकरणों इत्यादि की जरूरत है तो वे अपनी मांग सूची को जल्द जिला आपदा प्रबंधन अथारिटी को भेजना सुनिश्चित करें।  उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय के अलावा उपमंडल स्तर पर भी स्लैब कटर और वुड कटर उपलब्ध रहने चाहिए। उपायुक्त ने जिले में संचालित विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं कें प्रबंधकों को कहा कि वे परस्पर समन्वय कायम रखने के अलावा प्रशासन के साथ भी तालमेल रखें। चमेरा जल विद्युत परियोजना प्रबंधन ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि चमेरा जल विद्युत परियोजना चरण- एक में गोताखोर उपलब्ध हैं जो रेस्क्यू में पूरी मदद कर सकते हैं।   चंबा शहर के समीप रावी नदी पर स्थित बालू पुल को लेकर उपायुक्त ने बैरास्यूल परियोजना प्रबंधन को निर्देश देते हुए कहा कि प्रबंधन अपनी कंसल्टेंसी एजेंसी के माध्यम से बालू पुल कि भार उठाने की क्षमता का अविलंब आकलन करवाए। उपायुक्त ने चंबा शहर के अलावा जिले के कुछ और स्थानों पर भीड़भाड़ और वाहनों की आवाजाही वाली जगहों पर खुले में रखे गए रसोई गैस सिलेंडरों का संज्ञान लेते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस इसको लेकर कदम उठाएं, ताकि किसी भी दुर्घटना के अंदेशे से बचा जा सके। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त हेमराज बैरवा, विभिन्न उपमंडलों के एसडीएम, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण जेएस गुलेरिया, अधीक्षण अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग आरके वर्मा, अधिशासी अभियंता जीत सिंह ठाकुर, पुलिस उपाधीक्षक जितेंद्र चौधरी व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. रामकमल समेत अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।


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