सऊदी में महिलाओं ने थामा स्टेयरिंग

By: Jun 25th, 2018 12:04 am

रियाद— सऊदी अरब में रविवार का दिन महिलाओं के लिए ऐतिहासिक था। रविवार से सऊदी अरब ने देश की महिलाओं को ड्राइविंग सीट पर बैठने की इजाजत दे दी। अरब महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने वाला दुनिया का अंतिम देश बन गया है। रविवार से यहां की सड़कों पर महिलाएं कार दौड़ाते हुए नजर आईं। पति और बच्चों स्टोर तक ड्राइव करते हुए ले जाती तहानी अल-दोसमानी का कहना है कि अब मुझे किसी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं, मैं घर की चीजें लाना, बच्चों को स्कूल ले जाना सभी कुछ कर सकती हूं। ताहलिया स्ट्रीट पर गाड़ी चलाती दिखीं हेस्साह-अल-अजाजी का कहना है कि मैं बहुत खुश हूं कि ऐसा हो सका, मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा। उन्होंने बताया कि उनके पास यूएस का ड्राइविंग लाइसेंस था। अब उन्होंने सऊदी का लाइसेंस मिल गया। उन्होंने बताया कि सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त लोगों ने उनको सराहा, वहीं कुछ लोगों ने उन्हें प्रोत्साहित भी किया। सन् 1990 में जब पहली बार ड्राइविंग कैंपेन चला था तो रियाद में कुछ महिलाओं ने कार चलाई थी, जिसके बाद इन महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया गया था, साथ ही जेल भी जाना पड़ा था। वहीं एक साल तक इनके विदेश यात्रा पर भी बैन लग गया था। सऊदी अरब ने सितंबर, 2017 में महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। यह फैसला क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 कार्यक्रम का हिस्सा है, ताकि अर्थव्यवस्था को तेल से अलग कर सऊदी समाज को खोला जा सके।

संघर्ष की कहानी…

नवंबर, 1990

सऊदी की 40 महिलाओं ने रियाद में एक साथ गाड़ी चलाई। यह प्रतिबंध के खिलाफ पहली बार सार्वजनिक तौर पर विरोध था। इन महिलाओं को एक दिन के लिए जेल हुई और साथ ही पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया।

सितंबर, 2007

महिला ऐक्टिविस्ट्स ने तत्कालीन किंग अब्दुल्लाह को ड्राइविंग से बैन हटाने के लिए 1000 हस्ताक्षरों के साथ एक याचिका दी।

मार्च, 2008

वजेहा-अल हुवैदर नाम की एक एक्टिविस्ट ने यू-ट्यूब पर गाड़ी चलाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया।

जून, 2011

फेसबुक पर ‘वूमन टू ड्राइव’ नाम का कैंपेन लांच किया गया। महिलाओं की ड्राइविंग से जुड़े 70 केस दर्ज किए गए। कुछ को गिरफ्तार भी किया गया।

अक्तूबर, 2013

दर्जनों महिलाओं ने ड्राइविंग करते हुए अपनी फोटो और वीडियोज ऑनलाइन शेयर किए।

नवंबर, 2014

एक्टिविस्ट्स लूजा-इन हथलाउल और मायसा अल-अमूदी को 73 दिनों तक हिरासत में रखा गया। यूएई से सऊदी अरब तक ड्राइव करने की कोशिश के बाद इन पर आतंकवाद से जुड़े अपराध दर्ज किए गए।

सितंबर, 2017

किंग सलमान ने महिलाओं के ड्राइविंग को मंजूरी का आदेश दिया।

24 जून, 2018

महिलाओं को आखिरकार ड्राइविंग सीट मिली।


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