समसामयिकी : अब बिना यूपीएससी अफसर

By: Jun 13th, 2018 12:07 am

मोदी सरकार ने नौकरशाही में प्रवेश पाने का अब तक का सबसे बड़ा बदलाव कर दिया है। अब बड़े अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना जरूरी नहीं होगा। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। बहुप्रतीक्षित लेटरल एंट्री की औपचारिक अधिसूचना सरकार की ओर से जारी कर दी गई है। रविवार को इन पदों पर नियुक्ति के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के लिए विस्तार से गाइडलाइंस के साथ अधिसूचना जारी की गई। सरकार अब इसके लिए सर्विस रूल में जरूरी बदलाव भी करेगी। मालूम हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ब्यूरोक्रेसी में लेटरल एंट्री के शुरू से हिमायती रहे हैं। पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने 10 विभागों में बतौर ज्वाइंट सेक्रेटरी 10 पदों की लेटरल एंट्री से जुड़ी अधिसूचना पर कहा कि इससे उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मौका मिलेगा।  इसके पीछे प्रेरणा यह है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से अपना विकास सुनिश्चित करने का मौका मिले। डीओपीटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति होगी। इनका टर्म तीन साल का होगा और अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ तो पांच साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है। इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है, जबकि न्यूनतम उम्र 40 साल है। इनका वेतन केंद्र सरकार के अंतर्गत ज्वाइंट सेक्रेटरी वाला होगा। सारी सुविधा उसी अनुरूप ही मिलेगी। इन्हें सर्विस रूल की तरह काम करना होगा और दूसरी सुविधाएं भी उसी अनुरूप मिलेंगी। मालूम हो कि किसी मंत्रालय या विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी का पद काफी अहम होता है और तमाम बड़ी नीतियों को अंतिम रूप देने में या उनके अमल में इनका अहम योगदान होता है। इनके चयन के लिए बस इंटरव्यू होगा और कैबिनेट सेक्रेटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमेटी इनका इंटरव्यू लेगी।

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