स्कूलों के सिलेबस में योग ही नहीं

By: Jun 21st, 2018 12:25 am

हिमाचल में सालों से तैयार ही नहीं हुआ कोई प्रोपोजल, खुली फाइलें भी हुई बंद

शिमला— हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छात्रों के मानसिक और शारिरिक रूप से फिट रखने के लिए योग की क्रियाएं नहीं सिखाई जा रही। हैरानी की बात है कि स्कूल लेवल पर योग कक्षाएं अलग से लग पाएं, इसे लेकर सालों से कोई प्रोपोजल तैयार नहीं किया गया, जबकि छात्रों के स्टे्रस ओर उनके स्वास्थ्य के लिए योग काफी अहम माना जाता है। कई साल पहले स्कूलों में योग विषय शुरू भी किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से शिक्षा विभाग ने योग विषय की फाइलें ही बंद कर दी। प्रदेश के स्कूलों में लगभग नौ से दस साल पहले योग शिक्षक के 13 पद स्वीकृत किए थे, लेकिन उन में से भी केवल छह पद ही योग शिक्षक के भरे हुए हैं। बिलासपुर में एक, सोलन में एक कांगड़ा में तीन, सोलन में एक योग शिक्षक को रखा गया है। हालांकि अब कहा जा रहा है कि स्कूलों में अगले सत्र से योग कक्षाएं शुरू की जाएंगी। राज्य सरकार ने इस योजना को लेकर प्रोपोजल तैयार कर दिया है। अगले साल से सरकारी स्कूलों में योग की क्रियाएं तो छात्रों से करवाई ही जाएंगी, साथ ही कक्षाएं भी अलग से लगाई जाएंगी। राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को योग का सिलेबस अगले वर्ष से शुरू करने को लेकर शिक्षा विभाग को निर्देश दे दिए हैं। राज्य सरकार ने योग विषय का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए भी प्रोपोजल लगभग फाइनल कर दिया है। शिक्षा सचिव व शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर चर्चा की जा रही है। अगले साल से स्कूलों में शुरू होने वाली योग की कक्षाओं के लिए राज्य सरकार अलग से बजट का प्रावधान करेगी। योग कक्षाएं शुरू करने के लिए मंजूरी मिल गई है। योग क्रियाएं सिखाने व पाठयक्रम पढ़ाने के लिए शिक्षकों के नियमित पद भी भरे जाएंगे। सूत्रों के अनुसार योग शिक्षकों के पद टीजीटी के माध्यम से भरे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 में शुरू किया गया था। युवाओं को योग की महत्त्वता और इसके शारीरिक और मानसिक लाभ देने के मकसद से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा योग के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन हैरानी की बात है कि विवि लेवल पर तो योग की कक्षाएं छात्रों की लगाई जा रही हैं, लेकिन स्कूल व कालेज स्तर पर अभी तक येग कक्षाओं का शुरू न होना शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।

सरकार से जारी हो चुके हैं आदेश

हैरानी की बात है कि देश-विदेशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए अलग-अलग योग क्रियाएं सिखाई जाती हैं, लेकिन कालेज और स्कूलों में बिना योग की कक्षाओं के छात्र स्कूल-कालेजों से निकल रहे हैं। चार साल से राज्य सरकार और शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्य नहीं कर पाया। हालांकि शिक्षा विभाग का दावा है कि स्कूलों में योग की क्रियाएं छात्रों से करवाई जा रही है, लेकिन राज्य के 40 प्रतिशत स्कूल ही ऐसे हैं, जहां प्रार्थना के समय छात्रों को योग की एक-दो क्रियाएं करवाई जाती हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से स्कूलों में छात्रों को योग की क्रियाएं करवाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

विशेष कक्षाएं भी नहीं

चार साल से स्कूलों में योग का सिलेबस तो शुरू नहीं हुआ। छात्र मानसिक तनाव और शारीरिक रूप से फिट रहें, इसके लिए भी विशेष कक्षाओं का प्रावधान नहीं किया गया।

रोजगार के कई अवसर

राज्य के युवा योग विषय पढ़कर भी अपना करियर संवार सकते है। इस विषय में भी रोजगार के काफी अवसर उन्हें मिलते हैं। योग विषय में डिग्री लेने के बाद युवा आयुर्वेद अस्पताल में पंचकर्मा के माध्यम से मरीजों का इलाज कर सकते हैं, इसके साथ ही स्कूल-कालेजों में शिक्षक व प्रोफेसर बनने का मौका, पुलिस ओर पर्यटन विभाग में भी योग ट्रेनर रखे जाते हैं। कुल मिलाकर योग के विषय में करियर के बहुत स्कोप हैं। राज्य में यह विषय अगर जल्द शुरू हो जाता है, तो इससे युवाओं को रोजगार के भी अवसर प्राप्त होंगे।

मंजूरी के लिए भेजा प्रोपोजल

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक मनमोहन शर्मा का कहना है कि योग कक्षाओं को लेकर एससीईआरटी को प्रोपोजल भारत सरकार से मंजूरी के लिए भेजा है। भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद स्कूलों में योग कक्षाएं शुरू करने का प्रोसेस आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार व शिक्षा विभाग ने योग विषय अगले सत्र से शुरू करने को लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं।

तैयार हो रहा सिलेबस

राज्य के सरकारी स्कूलों में योग की कक्षाएं शुरू करने को लेकर अगले साल से शुरुआत की जाएगी। सूत्रों के अनुसार स्कूलों में टीजीटी व पीजीटी के आधार पर नियमित शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके साथ ही पाठ्यक्रम भी नए तरीके से मनाया जाएगा। अब देखना होगा कि अगले सत्र क्या होता है।


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