स्वारघाट पीएचसी के बाहर प्रदर्शन, जमकर लगे नारे
स्वारघाट – जिला बिलासपुर के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग खंड मार्कंड के तहत आने वाले प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्वारघाट में डाक्टरों एवं स्टाफ के पद पिछले लंबे अरसे से रिक्त होने के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है, जिसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीएचसी स्वारघाट में डाक्टर और स्टाफ के रिक्त पदों को लेकर गुरुवार को स्वारघाट और दभेटा के स्थानीय ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार से रिक्त पदों को शीघ्र अतिशीघ्र भरने तथा ट्रामा सेंटर को भी शीघ्र शुरू करने की मांग की है। ग्रामीणों नासिर दीन, नजमा बेगम, रेखा देवी, उषा देवी, प्रकाश चंद, सुमन कुमार, गुड्डू, श्याम लाल, जतिन शर्मा, सुनीता देवी, कमला देवी, रामचंद, निर्मला देवी, सरला देवी, उषा देवी, उर्मिला देवी, बग्गो देवी, कामना देवी और मेहरदीन सैय्यद आदि ने बताया कि स्वारघाट अस्पताल में डाक्टरों और अन्य स्टाफ के पद रिक्त होने के कारण लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है। इससे लोगों का पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है। प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्वारघाट में केवल एक फार्मासिस्ट 24 घंटे ड्यूटी दे रहा है और अस्पताल में डाक्टरों को अन्य अस्पतालों से डेपुटेशन पर भेजा जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई सालों से अस्पताल में स्थायी रूप से कोई भी डाक्टर नहीं आया है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्वारघाट पीएचसी को अपग्रेड कर सीएचसी बनाया जाए और जब तक अपग्रेड नहीं किया जाता, तब तक डाक्टर और अन्य स्टाफ के रिक्त पदों को भरा जाए और ट्रामा सेंटर को भी शीघ्र अतिशीघ्र शुरू किया जाए ताकि मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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