हाउस टैक्स पर 300 को ऐतराज 

By: Jun 24th, 2018 12:05 am

 बिलासपुर —इस साल लागू किए गए हाउस टैक्स को लेकर बिलासपुर शहर के 300 लोगों ने ऑब्जेक्शन किए हैं। कहीं मकानों की नाप-नपाई ठीक नहीं हुई तो कहीं हाउस टैक्स का ज्यादा बिल बना दिया गया, इत्यादि पर सवाल उठाते हुए लोगों ने नगर परिषद प्रशासन के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। ऐसे में इन लोगों की आपत्तियों के आधार पर नगर परिषद दोबारा सर्वे की प्रक्रिया शुरू करेगी, जिसके तहत सामने आए तथ्यों के आधार पर रिवाइज्ड बिल तैयार कर संबंधित लोगों को वितरित किए जाएंगे। उधर, नगर परिषद के सभी 11 में से नौ पार्षद अभी तक गृहकर जमा करवा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक भाखड़ा विस्थापित शहर बिलासपुर के सभी 11 वार्डों में 3216 लोग गृहकर के दायरे में आए हैं, जिन्हें गृहकर जमा करवाने के लिए नोटिस जारी हुए हैं। इसके तहत अभी तक 1600 लोगों ने गृहकर जमा करवाया है। अभी तक गृहकर के रूप में नगर परिषद के पास लगभग 25 लाख रुपए की राशि जमा हो चुकी है। हर दिन लोग नगर परिषद के द्वार पहुंचकर कतारबद्ध खड़े रहकर हाउस टैक्स जमा करवा रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक गृहकर जमा ही नहीं करवाया है, जबकि तीन सौ लोगों ने गृहकर को लेकर आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। अहम बात यह है कि कुछ लोगों द्वारा गृहकर का विरोध किए जाने के बावजूद रोजाना लोगों द्वारा गृहकर जमा करवाया जा रहा है। यहां बता दें कि बिलासपुर शहर में गृहकर लगाने के लिए वर्ष 1998 में एक अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन विस्थापित शहर होने का मुद्दा गरमाने की वजह से यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ गई। बाद में बीच-बीच में नगर परिषद ने कवायद जरूर शुरू की, लेकिन विरोध के चलते यह अमल में नहीं लाई जा सकी जिसके चलते नगर परिषद को जारी होने वाली ग्रांट पर कट लग गया और यह नगर परिषद कंगाली की कगार पर खड़ी हो गई। बताते चलें कि बीते वर्ष शहरी विकास मंत्रालय की ओर से नगर परिषद को दोटूक आदेश जारी किए गए कि गृहकर न लगाने की सूरत में सरकार से मिलने वाली ग्रांट पर रोक लगा दी जाएगी। इस पर हरकत में आए नगर परिषद प्रशासन ने बिलासपुर शहर में गृहकर लगाने का निर्णय लिया। इस बाबत कंपनी के माध्यम से सर्वेक्षण करवाया गया और इसकी रिपोर्ट बनाकर नगर परिषद को दी। इसके बाद नगर परिषद ने बिलासपुर शहर के लोगों को गृहकर जमा करवाने के नोटिस जारी किए। इन नोटिस के जारी होने के बाद कुछ लोगों ने इसका यह कहकर विरोध करना शुरू कर दिया कि बिलासपुर शहर भाखड़ा विस्थपितों का शहर है तथा विस्थापितों को 999 साल की लीज पर जमीन दी गई है तथा जब विस्थापित मालिक ही नहीं है तो गृहकर लगाने का क्या औचित्य? इसके बावजूद लोगों ने नियमानुसार अपना गृहकर जमा करवाना शुरू किया। हालांकि अभी तक सोलह सौ लोग गृहकर जमा करवा चुके हैं, जबकि नगर परिषद के पास करीब 300 लोगों ने गृहकर ज्यादा होने की आपत्तियां दर्ज करवाई हैं, जिस पर नगर परिषद ने संबंधित व्यक्तियों की प्रॉपर्टी की दोबारा असेस्मेंट करवाने का निर्णय लिया है।

जितना पैसा आएगा, उतना होगा विकास

ईओ के अनुसार शहर के प्रत्येक वार्ड का अलग-अलग डिमांड एंड कलेक्शन रजिस्टर लगाया गया है। जिस वार्ड से जितना पैसा आएगा, वह सारा का सारा उसी के विकास पर खर्च होगा। वार्ड मेंबर अपनी इच्छानुसार विकास कार्यों के लिए बजट खर्च कर सकेंगे।

टैक्स जमा न करने पर होगी कुर्की

हाउस टैक्स जमा करवाने में रुचि न दिखाने पर नगर परिषद संबंधित लोगों को पहले तो सात दिन का नोटिस जारी करेगी और इसके बाद न मानने पर भू-राजस्व के रूप में वसूली किए जाने का प्रावधान है। इसके तहत संबंधित लोगों की संपत्ति की कुर्की की जा सकती है। यही नहीं, मनमानी करने वालों के बिजली व पानी के कनेक्शन काटने का भी प्रावधान है।


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