हिमाचल की ऐतिहासिक धरोहरों पर होगी रिसर्च

By: Jun 10th, 2018 12:10 am

बिलासपुर— आज पुरानी राहों से…नामक योजना अब हिमाचल की प्राचीन संस्कृति को संजोए रखने के लिए कारगर साबित होगी। इसके तहत हर जिला में सौ मंदिरों या ऐतिहासिक धरोहरों को चिन्हित किया जा रहा है। यानी कि पूरे में प्रदेश में ऐसी 1200 धरोहरें चिन्हित की जाएंगी। यह खुलासा भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव पूर्णिमा चौहान ने शनिवार को यहां सर्किट हाउस में किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को ब्रांड हेरिटेज बनाने के लिए विभाग ने कवायद शुरू क दी है। ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर रिसर्च की जाएगी, जिसके आधार पर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके अलावा पर्यटन संस्कृति को निखारने के लिए प्रशिक्षित कल्चरल गाइड तैयार करने का निर्णय लिया है। साथ ही प्राचीन संस्कृति के नए डिजाइन और उन पर आधारित गिफ्ट हैंपर तैयार करने के लिए निफ्ड से टाईअप किया गया है। उन्होंने कहा कि सात पहाड़ी भाषाओं की एक पुस्तक तैयार की गई है, जिसे हाल ही में राष्ट्रपति को भी भेंट किया गया है। इसमें ब्राह्मी, शारदा, खरोष्ठी, चंदवाणी, पावुची, पंडवाणी और भट्टाक्षरी लिपी शुमार है। उन्होंने बताया कि 23 व 24 जून को शिमला के गेयटी में आयोजित किए जाने वाले लिट्रेचर फेस्टिवल में इन किताबों को भी लांच किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोविंदसागर में डूबे ऐतिहासिक मंदिरों की पुनर्स्थापना को लेकर तैयार की गई योजना को सिरे चढ़ाने के लिए अब केवल आर्कियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम का इंतजार है। इस कवायद के तहत शनिवार को भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव पूर्णिमा चौहान ने जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल के साथ पौराणिक मंदिरों का जायजा लिया। इसके बाद सचिव की इस अहम योजना को लेकर सर्किट हाउस में जिलाधीश विवेक भाटिया के साथ भी  मीटिंग हुई। उन्होंने बताया कि गोविंदसागर झील में जलमग्न 12 पौराणिक मंदिरों की पुर्नस्थापना टॉप प्रायोरिटी है। एएसआई दिल्ली के साथ पत्राचार चल रहा है। पिछले सप्ताह शिमला में एएसआई के कार्यरत सुपरीटेंडेंट को बुलाकर इस मसले पर गंभीरता से कार्य करने के लिए कहा है। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने भी इस महत्वाकांक्षी योजना पर संज्ञान लेते हुए एएसआई को पत्र लिखा है।

क्रॉकरी पर चंबा रूमाल

पूर्णिमा चौहान के अनुसार क्रॉकरी जैसे प्लेट्स व चम्मच इत्यादि पर चंबा की संस्कृति दिखेगी, जिससे न केवल इसकी ब्रांडिंग होगी, बल्कि व्यवसायिक दृष्टि से एक बेहतर मार्केट भी बनेगी।

बापू के पदचिन्हों पर चलेंगे

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर इस साल भाषा एवं संस्कृति विभाग बापू के पदचिन्हों पर…नामक विषय पर सेलिब्रेशन शुरू करेगा। वर्ष 2020 में 150वीं जयंती को नए अंदाज में मनाने के लिए दो अक्तूबर से सेलिबे्रशन शुरू होगी। राष्ट्रपिता 1921 वे लेकर 1946 तक शिमला के 11 स्थलों में गए थे और सोलन में रेलवे की सैर की थी। इन सभी स्थलों को चिन्हित कर पर्यटन दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

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