32 साल बाद दिल्ली में दबोचा भगोड़ा

By: Jun 20th, 2018 12:07 am

पांवटा साहिब – कहते हैं कि कानून से कोई भी अपराधी नहीं बच सकता। चाहे वो जितनी भी कोशिश कर ले। एक न एक दिन वह कानून के शिकंजे में आ ही जाता है। ऐसा ही 1986 में एक मामले के आरोपी और घोषित भगोड़े जय इंद्र के साथ हुआ। जब पांवटा साहिब की पीओ सेल की टीम ने उसे वारदात के 32 साल बाद पकड़ लिया। पांवटा पुलिस के पीओ सेल ने इतने पुराने मामले के अपराधी को पकड़कर एक तरह से अपनी काबिलियत दिखाई है कि यदि पुलिस चाहे तो हर मामले को ट्रेस कर सकती है। पांवटा से भगोड़े घोषित को पकड़ने गई टीम ने दिल्ली के साहिबाबाद से अपराधी को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 1986 में पांवटा साहिब में चोरी के एक मामले में आरोपी जय इंद्र फरार हो गया। उसके खिलाफ भांदस की धारा 381 के तहत मामला दर्ज हुआ था। 10 साल तक भी पुलिस के हत्थे न चढ़ने के कारण मामले को अनट्रेस घोषित कर दिया गया। पकड़े गए अपराधी की उम्र इस समय 53 वर्ष है। जो वारदात के समय मात्र 21 साल का था। फाइल दोबारा खुली तो साईबर सेल की मदद से टीम ने अपराधी को ढूंढने के सुराग जुटाए। पता चला कि अपराधी दिल्ली के साहिबाबाद में पहचान बदलकर जयेंद्र पुत्र अभी सिंह के नाम से रह रहा था, जिसे पीओ सेल की टीम ने घर से दबोच लिया। एसपी सिरमौर रोहित मालपानी ने बताया कि भगोड़ा घोषित अपराधी जय इंद्र सिंह उर्फ आशा राम पुत्र अभय सिंह निवासी उत्तरकाशी को दिल्ली में पकड़ लिया गया है। उन्होंने बताया कि 1996 की अनट्रेस रिपोर्ट को दोबारा खोला जाएगा, क्योंकि आरोपी की गिरफ्तारी पहली बार हुई है इसलिए शिनाख्त परेड़ नहीं हो पाएगी। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।


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