अब फिंगर प्रिंट से मिलेगी खाद

By: Jul 17th, 2018 12:20 am

चंबा  – प्रदेश के डिपो में मिलने वाले राशन की तर्ज पर अब किसानों को खाद भी फिंगर प्रिंट पर दी ही जाएगी।   इससे खाद की बिक्री पर हो रही कालाबाजारी पर रोक लगेगी, साथ ही लाइसेंस के बिना खाद बेचने वाले व्यापारियों की ओर से किसानों से वसूले जा रहे मनमाने दामों पर भी ब्रेक लगेगी। कृषि विभाग की ओर से खाद विक्रेता लाइसेंस होल्डर को पोस (पीओएस) मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ऐसी व्यवस्था शुरू होने से पहाड़ी राज्य हिमाचल के किसानों से खाद के रेट पर किराए समेत हो रही एक्स्ट्रा वसूली अब नहीं हो पाएगी। लाइसेंस होल्डर से मिल कर इस तरह के धंधे को अंजाम देने वाले गाड़ी चालक पहले की तरह यहां-वहां आम सामान की तरह खाद नहीं बेच पाएंगे। कृ षि विभाग द्वारा खाद विक्रेता लाइसेंस धारकों को पोस मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। खाद की खरीददारी करने से पहले खरीददार को बायोमीट्रिक में डिपो में लगने वाले फिंगर प्रिंट की तरह अंगूठा लगाना होगा। उसके बाद उसे खाद की बोरी उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अत्याधुनिक तकनीक  से खाद की विक्री में पारदर्शिता आएगी। साथ ही विके्रता जगह-जगह मनमर्जी के दाम भी नहीं वसूल पाएंगे। फिंगर प्रिंट के बिना खाद बेचने वाले व्यापारियों पर विभाग की ओर से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभाग की ओर से किसानों को भी इसको लेकर सजग रहने की सलाह दी गई है तथा बिना लाइसेंस एक्स्ट्रा दामों पर खाद की बिक्री कर रहे व्यापारियों की सूचना जल्द विभाग को उपलब्ध करवाने की बात कही है। कृषि मंत्री राम लाल मार्कंडेय ने इस अभियान को चंबा से ही शुरू किया था, जिसके तहत खाद विक्रेता लाइसेंस धारकों को विभाग की ओर से पोओएस मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। खैर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने यह जो योजना बनाई है, इसकी सफलता किसानों की जागरूकता पर भी निर्भर करेगी।


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