एचपीएमसी में एक्सपायरी जूस-टेट्रा पैक

By: Jul 17th, 2018 12:20 am

विजिलेंस जांच के घेरे में आ सकती है परवाणू प्रोसेसिंग यूनिट

सोलन – परवाणू स्थित बागबानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) यूनिट विजिलेंस जांच के घेरे में आ सकती है।यूनिट के प्रपत्रों व कार्रवाई रजिस्टरों में की गई एंट्रियां संदेह के घेरे में हैं। पता चला है कि कुछ रजिस्ट्ररों में स्टॉक से संबंधी रिकार्ड में काफी गड़बड़ है। इसका पता इससे चला कि स्टॉक रजिस्टर में स्टॉक मेंटेन करने के लिए पेन के स्थान पर पेंसिल का इस्तेमाल किया गया है। पेंसिल का इस्तेमाल क्यों किया गया और क्या स्टॉक रजिस्टर से बार-बार छेड़छाड़ की जा रही थी। जांच हुई तो इन सब सवालों के जवाब मिल सकते हैं। जांच में गड़बड़ी पाई गई, तो इसकी गाज कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गिरने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इस बात की भनक जब बागबानी मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह को लगी, तो उन्होंने यूनिट का निरीक्षण कर तुरंत इसका रिकार्ड कब्जे में ले लिया। मंत्री को निरीक्षण के दौरान यूनिट में कुछ भी सही नहीं मिला। यहां तक कि एक्सपायरी जूस की बोतलें एवं सैकड़ों टेट्रा पैक यूनिट में पाए गए। बड़ी बात यह है कि यूनिट प्रबंधन के पास इस बात का भी रिकार्ड नहीं मिला कि कितना स्टॉक एक्सपायर हुआ है। इस मामले में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। वह किसी आवश्यक कार्य से बाहर हैं। उनके शिमला पहुंचते ही इस पर पूरी प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी।

स्टाफ भी ज्यादा

घाटे में चल रही यूनिट में क्षमता से अधिक स्टाफ होने की भी जांच की जा सकती है। कहा जा रहा है कि यूनिट में इतना काम ही नहीं है, जितने कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इन कर्मचारियों को किसके इशारे पर रखा गया है, इसकी भी जांच हो सकती है। भविष्य में कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। यूनिट में अभी 24 नियमित कर्मचारियों सहित 16 आउटसोर्स कर्मचारी हैं। बावजूद इसके यूनिट को इस वित्त वर्ष में 50 लाख रुपए का घाटा हुआ है।


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