कसौली की सुंदरता पर पोलिथीन का ग्रहण

By: Jul 19th, 2018 12:10 am

कसौली —प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर कसौली पर्यटन स्थल सुविधाओं के अभाव में दिन प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है। कसौली पर्यटन स्थल अंग्रेजों के शासनकाल के समय अपने आप में पूरे भारत वर्ष में सैलानियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के ऐतिहासिक धरोहरों की बनावटों व प्राकृतिक सौंदर्य ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। सुंदर पहाडि़यों की गोद में प्राकृतिक सुंदरता व प्रकृति के अद्भूत नजारों से परिपूर्ण यह पर्यटक स्थल सैलानियों का आकृषित केंद्र बना हुआ है। परंतु सरकारी उपेक्षा के कारण यह स्थल दिन प्रतिदिन अपने अस्तित्व व सुंदरता से ओझल होता नजर आ रहा है। कसौली में व उसके आसपास के क्षेत्रों में हो रहे बेतहाशा निर्माण कार्यों व सही ढंग की सीवरेज की व्यवस्था न होने, शौचालय की कमी व जरूरत से ज्यादा पोलिथीन के हो रहे प्रयोग से पर्यटन स्थलों की सुंदरता को ग्रहण लगा दिया है। इस पर्यटन स्थल में बने शौचालयों की सीवरेज की व्यवस्था न होने के कारण जहां प्रतिदिन आ रहे सैकड़ों सैलानियों के अभाव से जूझना पड़ रहा है। वहीं इस क्षेत्र में बढ़ती गंदगी से यह पर्यटन स्थल प्रदूषित हो रहा है। हिमाचल सरकार द्वारा पर्यावरण के बचाव तथा स्वच्छता बनाए रखने की दृष्टि से राज्य में सभी प्रकार के पोलिथीन कैरी बैगों, प्लास्टिक से बने सभी डिस्पोजल वस्तुओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। बावजूद इसके पोलिथीन का धड़ल्ले से प्रयोग किए जाने से जहां सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वही पकृति की भी सुंदरता का उपहास उड़ाया जा रहा है। छावनी बोर्ड में बसे इस पर्यटन स्थल में जहां की साफ -सफाई की जिम्मेदारी कैंट बोर्ड की है, लेकिन कैंट बोर्ड के पास स्थायी कूड़ा जलाने का संयंत्र होने के बावजूद सफाई कर्मचारी कूड़े को खुले में फेंक रहे हैं। पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि पोलिथीन व मिनरल वाटर की बोतलों से सड़क के साथ लगते क्षेत्र व पर्यटन स्थल भरे पड़े हैं। यदि बढ़ते प्रदूषण को नहीं रोका गया तो यह भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।


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