की-बोर्ड के बटन अल्फाबेटिकल सीरीज में क्यों नहीं होते हैं

By: Jul 29th, 2018 12:05 am

दरअसल की-बोर्ड टाइप राइट का बदला हुआ रूप है। टाइपराइटर को 1868 में लैथम शोल्स ने बनाया था और शुरुआत में टाइपराइटर के बटन। ए ए एक की सीरीज में ही होते थे, लेकिन इन बटनों की सहायता से टाइपिंग करना कठिन होता था, तो इस कठिनाई को कम करने के लिए की-बोर्ड में कई बदलाव किए गए और सबसे पहले उन अक्षरों का चयन किया गया जो सबसे ज्यादा प्रयोग में लाए जाते हैं। इसके बाद उन्हें आंगुलियों की पहुंच के हिसाब से क्रम में लगाया और 1873 में शोल्स ने एक नए तरीके से बटनों वाले टाइपराइटर का निर्माण किया इसी का नाम रखा गया और बाद में यह मॉडल शोल्स से ‘रेमिंग्टन ’ ने खरीदा और 1874 में रेमिंग्टन ने कई और की-बोर्ड भी बाजार में उतारे और जब कम्प्यूटर का विकास हुआ तो लोगों की सहूलियत को देखते हुए कम्प्यूटर में भी इसी की-बोर्ड को प्रयोग किया गया हालांकि कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाले की-बार्ड और टाइपराइट में प्रयोग होने वाले बटनों में थोड़ा सा अंतर होता है, तो यही कारण है कि की-बोर्ड के बटन अल्फाबेटिकल सीरीज में नहीं होते हैं।


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