केसीसीबी का बीओडी पहले बहाल, फिर सस्पेंड

By: Jul 20th, 2018 12:08 am

हिमाचल सरकार ने दोपहर को वापस लिया सस्पेंशन नोटिस, शाम को नया नोटिस थमाया

धर्मशाला— कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित (केसीसीबी) के सस्पेंडिड बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को लेकर गुरुवार को जयराम सरकार ने पहले तो पुराना नोटिस वापस लेते हुए बीओडी को बहाल कर दिया और फिर शाम होते-होते दूसरा नोटिस जारी कर केसीसीबी की बीओडी को फिर सस्पेंड कर दिया गया। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने अनियमितताओं के आरोप में अप्रैल में बीओडी को सस्पेंड किया था। गुरुवार दोपहर को आए पहले फैसले को लेकर सरकार की खूब किरकिरी हो रही थी। बीओडी बहाल किए जाने के बाद इस सारे मामले में पूरी तैयारी के साथ न उतरने के चलते प्रदेश सरकार का उपहास भी उड़ाया जाने लगा था। बोर्ड ने बहाल होने के तुरंत बाद सक्रियता दिखाते हुए शुक्रवार को 11 बजे आपातकालीन बैठक बुला ली थी। हालांकि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक बुलाने के लिए पहले नोटिस देना अनिवार्य था। इस बैठक की वैधता को लेकर बैंक प्रबंधन तकनीकी पहलुओं को खंगालने में जुट गया था, लेकिन देर शाम को सरकार ने नया नोटिस जारी कर बीओडी को फिर सस्पेंड कर दिया और उसकी सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही सभी बोर्ड-निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों को हटा दिया था, लेकिन कांगड़ा बैंक के चेयरमैन को निर्वाचित होने के कारण ऐसे नहीं हटाया जा सकता था। जिसके चलते सरकार ने तीन माह बाद बैंक बीओडी पर अनियमितताएं करने का आरोप लगाकर उन्हें छह अप्रैल को सस्पेंड कर दिया था। इसके खिलाफ जगदीश सिपहिया हाई कोर्ट चले गए, लेकिन गुरुवार दोपहर को सरकार ने अचानक अपना नोटिस वापस ले लिया और जगदीश सिपहिया और उनकी पुरानी बीओडी फिर बहाल हो गई।  इस सारे सियासी खेल में सिपहिया के हौंसले बुलंद हो गए। उन्होंने बिना सात दिनों के नोटिस के तुरंत बीओडी की बैठक बुलाकर फिर से चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने का ऐलान कर दिया। बीओडी की बैठक करने के लिए कानूनन एक सप्ताह पूर्व नोटिस देना पड़ता है, लेकिन जगदीश सिपहिया ने इसे आपातकालीन बैठक बताकर बुलाया। उधर, सिपहिया ने बयान जारी कर दिया कि यह सच्चाई की जीत है। सरकार ने जो आरोप लगाए थे, उनमें से किसी को भी साबित नहीं कर पाई और अब नोटिस वापस लेना पड़ा है। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार को बीओडी की बैठक करेंगे। सरकार बैंक संबंधी कोई भी जांच करवा ले, वह तैयार हैं। प्रदेश सकार उनके कार्यकाल के साथ-साथ पिछले पांच साल की भी जांच करवाए। उन्होंने कहा कि अब बैंक बीओडी के चुनाव निर्धारित समय पर करवाए जाएंगे। हालांकि लंबे इंतजार के बाद नोटिस वापस लेने के पीछे सरकार की खामोशी में कोई बड़ा राज होने की संभावना जताई जा रही थी और शाम होते-होते ही यह अनुमान सही भी निकला।  जयराम सरकार ने गुरुवार शाम को नया नोटिस जारी कर केसीसीबी की बीओडी को फिर सस्पेंड कर दिया।


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