केसीसीबी के चुनाव में जल्दी फोरलेन निर्माण में देरी क्यों

By: Jul 26th, 2018 12:08 am

सिपहिया की याचिका पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

शिमला— विवादों में चल रहे कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के नए निदेशक मंडल के चयन के लिए अतिरिक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा चुनाव कार्यक्रम पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जगदीश चंद सिपहिया द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश पारित किए। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर जवाब तलब किया है। गौर हो कि केसीसीबी के नए निदेशक मंडल के चयन के लिए अतिरिक्त पंजीयक सहकारी सभाए द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार  मतदाताओं की अंतिम सूची का प्रकाशन 28 अगस्त को होना था और चुनाव 26 सितंबर को थे और उसीदिन परिणाम भी घेषित किया जाना था। हालांकि अब इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। अतिरिक्त पंजीयक सहकारी सभाएं की ओर से जारी चुनाव कार्यक्रम में चुनाव प्रबंधक, रिटर्निंग अफसर और पंजीयक अधिकारी नियुक्त कर दिए गए थे। इसके साथ ही बैंक के महाप्रबंधक को निर्देश दिए गए थे कि वह सभी डिफॉल्टर सदस्यों को नोटिस जारी कर दें। इस काम को संबंधित क्षेत्र के सहायक पंजीयक सहकारी संस्था की सलाह के साथ 15 दिन में करने का समय दिया गया था। पंजीयक अधिकारी की ओर से सभी सदस्य संस्थाओं को नोटिस जारी करने के लिए 28 जुलाई की अंतिम तिथि तय की गई थी, ताकि वह छह अगस्त तक नाम सहित संकल्प संबंधित पंजीयक अधिकारी को उपलब्ध करा दें, जो संस्था के लिए मतदान करेगा। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पहली मतदान सूची आठ अगस्त को जारी होनी थी, जबकि सभी वादों व आपत्तियों की सुनवाई के बाद अंतिम सूची 28 अगस्त को जारी की जानी थी। नामांकन करने की अंतिम तिथि 14 सितंबर तय थी। 17 को चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों की सूची आनी थी और 26 सितंबर को मतदान था। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को आदेश दिए कि इस चुनाव कार्यक्रम को लागू नहीं होने दें। मामले की सुनवाई आगामी पहली अगस्त को निर्धारित की गई है।


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