कैदियों के आए अच्छे दिन

By: Jul 19th, 2018 12:04 am

फैसला : केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय, राष्ट्रपिता की जयंती पर रिहा होंगे दो तिहाई सजा काट चुके बंदी

नई दिल्ली— राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष पर सरकार ने संगीन अपराधों तथा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए सजायाफ्ता कैदियों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में दो-तिहाई सजा काट चुके सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक के बाद विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि आगामी दो अक्तूबर को राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती है। सरकार ने उनके इस जयंती वर्ष में जेलों में बंद उन सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है, जो दो-तिहाई सजा पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा 55 साल से ज्यादा उम्र की महिला तथा ट्रांसजेंडर कैदियों, 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष कैदियों और 70 प्रतिशत या इससे ज्यादा विकलांगता वाले उन सभी कैदियों की सजा भी माफ की जाएगी, जो अपनी आधी सजा काट चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन कैदियों को आम माफी का लाभ नहीं मिलेगा, जिन्होंने ऐसे संगीन अपराध किए हैं जो राष्ट्र विरोधी हैं या जिनमें सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास का प्रावधान है। बलात्कार, दहेज हत्या, मानव तस्करी, हवाला, आतंकवाद, बाल अपराध, भ्रष्टाचार आदि के लिए सजा काट रहे अपराधियों की सजा भी माफ नहीं की जाएगी। श्री प्रसाद ने कहा कि संविधान के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को सजा माफ करने का अधिकार है। गृह मंत्रालय जल्द ही सभी राज्यों को परामर्श जारी कर इस निर्णय को लागू करने की सलाह देगा। उन्होंने बताया कि सजा माफी की पूरी योजना बनाकर विभिन्न चरणों में इस पर अमल किया जाएगा। पहले चरण में इस साल अक्तूबर में कुछ कैदियों को छोड़ा जाएगा। इसके बाद चंपारण सत्याग्रह की वर्षगांठ पर अगले साल अप्रैल में तथा राष्ट्रपिता की जयंती पर अगले साल अक्तूबर में कैदियों की रिहाई की जाएगी।

आधी सजा काटने वालों को भी राहत

55 साल से ज्यादा उम्र की महिला तथा ट्रांसजेंडर कैदियों, 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष कैदियों और 70 प्रतिशत या इससे ज्यादा विकलांगता वाले उन सभी कैदियों की सजा भी माफ की जाएगी, जो अपनी आधी सजा काट चुके हैं।

संगीन अपराध पर कोई रहम नहीं

उन कैदियों को आम माफी का लाभ नहीं मिलेगा, जिन्होंने ऐसे संगीन अपराध किए हैं जो राष्ट्र विरोधी हैं या जिनमें सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास का प्रावधान है। बलात्कार, दहेज हत्या, मानव तस्करी, हवाला, आतंकवाद, बाल अपराध, भ्रष्टाचार आदि के लिए सजा काट रहे अपराधियों की सजा भी माफ नहीं होगी।


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