कोटेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव के अनेकों मंदिर पूरे भारत में स्थित हैं। लोगों की भगवान भोलेनाथ में गहरी आस्था व श्रद्धा है। श्रावण के महीने में भगवान महादेव के मंदिरों में बहुत भारी भीड़ जमा रहती है। इन्हीं मंदिरों में से एक है कोटेश्वर महादेव का मंदिर। कोटेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के लखपत तालुका में कच्छ जिले में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। कोटेश्वर मंदिर की कहानी कुछ इस प्रकार है। रावण को उसकी महान आध्यात्मिक शक्ति के लिए एक शिवलिंग भगवान शिव से वरदान के रूप में मिला था, लेकिन अभिमानी रावण से जल्दबाजी में यह शिवलिंग धरती पर गिरा दिया। रावण की लापरवाही को दंडित करने के लिए यह शिवलिंग एक हजार समान शिवलिंगों में बदल गया एवं रावण गलत शिवलिंग लेकर चला गया, जबकि असली शिवलिंग यहीं कोटेश्वर में रह गया। यहां पर अब कोटेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। यह मंदिर दर्शनीय धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। कोटेश्वर मंदिर बिलकुल समुद्र के किनारे काफी ऊंचाई पर बना हुआ है। यहां से समुद्र का नजारा बहुत सुंदर लगता है। नरायण सरोवर से कोटेश्वर मंदिर दो किलोमीटर की दूरी पर है। इसकी विशेषता यह है कि यह पश्चिम मुखी है। इस मंदिर से थोड़ा और आगे जाने पर सेना की एक चौकी है। यहां पर काफी चहल-पहल रहती है। मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत ही शांत और मन को लुभाता है। यहां पर पर्यटकों के देखने योग्य बहुत से धार्मिक स्थल हैं।
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