जनमंच से जन को मिलती राहत

By: Jul 16th, 2018 12:05 am

अजय पाराशर

लेखक, धर्मशाला से हैं

आधुनिकतम सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से आयोजन स्थल पर ही लोगों की वर्षों पुरानी समस्याओं के त्वरित निवारण में मदद मिल रही है। अभी तक सभी जिलों में ऐसे दो-दो कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनकी सदारत विभिन्न मंत्रियों ने की…

करीब दो माह पूर्व हिमाचल सरकार द्वारा आरंभ जनमंच कार्यक्रम से प्रदेश के दूरवर्ती और कठिन भौगोलिक इलाकों में रहने वाले लोगों को उनके घर-द्वार पर ही कई सुविधाएं मिलने लगी हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों की तमाम शिकायतों के निवारण के अतिरिक्त उन्हें प्रत्यक्ष रूप से सरकार के साथ जोड़ना है। लोगों को कार्यक्रम स्थल पर ही राहत दिलवाने के लिए आधुनिकतम सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता है। आधुनिकतम सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से आयोजन स्थल पर ही लोगों की वर्षों पुरानी समस्याओं के त्वरित निवारण में मदद मिल रही है। अभी तक सभी जिलों में ऐसे दो-दो कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनकी सदारत विभिन्न मंत्रियों ने की। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी इन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। कुल मिलाकर इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को फौरी राहत दिलवाने के अलावा उनकी समस्याओं की नब्ज पहचानना भी है। जनमंच कार्यक्रम में जिन कार्यों को सम्मिलित किया गया है, उनमें हिमाचली प्रमाण-पत्र, अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रमाण-पत्र, आमदनी प्रमाण-पत्र, राजस्व रिकार्ड (एक्स मुसावी के अलावा) की नकल, बागबानी कार्ड आदि के अतिरिक्त स्वास्थ्य तथा आयुर्वेद विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करना है।

इसके अलावा विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन, मकान की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद, विधिक सहायता, स्वतंत्रता सेनानी पेंशन, युद्ध जागीर पेंशन, भूतपूर्व सैनिकों को एक्स ग्रेशिया अनुदान, महिला मंडल तथा युवा क्लब का पंजीकरण, बीपीएल ऋण, भूमि समतल करने तथा भू-संरक्षण कार्य, बंदूक या वाहन चालन लाइसेंस को जारी करने हेतु छानबीन, लाइसेंस नवीनीकरण, जमीन का इंतकाल, जन्म तथा मृत्यु पंजीकरण, राशन कार्ड बनवाना तथा नवीनीकरण, अटल आवास योजना तथा अन्य योजनाओं की जानकारी मुहैया करवाना आदि शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति जो इस कार्यक्रम में अपनी समस्याओं के निवारण के लिए भाग लेना चाहता है, वह जनमंच कार्यक्रम से दस दिन पूर्व ई-समाधान पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।

इसके अतिरिक्त वह कार्यक्रम से तीन दिन पूर्व संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा या मौके पर भी अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। ध्यातव्य है कि जनमंच कार्यक्रम में कोई भी व्यक्ति स्थानांतरण के संबंध में आवेदन नहीं कर सकता है। इसके अलावा सरकारी नौकरी, न्यायालय या कोई भी ऐसी योजना, जिसके लिए बजट और स्वीकृति की आवश्यकता हो, प्रस्तुत नहीं कर सकता है। अब तक विभिन्न जिलों में आयोजित जनमंच कार्यक्रमों में अधिकांश आवेदकों को तत्काल राहत मिली है। उदाहरण के लिए हमीरपुर जिला के बिहांबी गांव के 75 वर्षीय बलिराम पिछले कई सालों से अपने दामाद का राशन कार्ड बनवाने के लिए इधर-उधर भटक रहे थे। किंतु आवश्यक दस्तावेजों का पेट भरने में असमर्थ रहने के कारण उन्हें राशन कार्ड बनवाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था, परंतु 03 जून को धनेटा में आयोजित जनमंच कार्यक्रम में उन्हें मौके पर ही राशन कार्ड मिल गया। इसके अतिरिक्त कई स्वयं सहायता समूहों को ऐसे जनमंच में अपने उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री का लाभ मिला है। आकृति और प्रिया ऐसे कुछ स्वयं सहायता समूहों के नाम हैं। इसी तरह कांगड़ा जिला की चचियां ग्राम पंचायत के भलेहड़ गांव के राकेश शर्मा को सूचना एवं जन संपर्क विभाग के जन संपर्क अभियान से प्री जनमंच कार्यक्रम का पता चलने पर उन्होेंने अपने पंचायत सचिव को अपने घर की पेयजल समस्या के निवारण के लिए आवेदन किया। राकेश शर्मा सीआरपीएफ में असम में तैनात हैं और आजकल घर पर अवकाश का आनंद ले रहे थे, लेकिन पानी की समस्या ने उनके अवकाश आनंद में कटौती कर दी थी। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के लोग अकसर उन्हें फोन पर पेयजल की समस्या के बारे में बताते रहते थे, लेकिन ‘जनमंच’ ने उनकी वर्षों पुरानी समस्या को मानो चुटकी बजाते ही हल कर दिया।

इसी तरह गोपालपुर पंचायत के ब्रह्मानंद को भी आयोजन स्थल पर ही राशन कार्ड की सुविधा प्राप्त हो गई। ऐसा ही मामला सामने आने के बाद पालमपुर बाईपास पुल का काम भी युद्ध स्तर पर छिड़ने के बाद अब शीघ्र ही मुकम्मल होने जा रहा है। ऐसा नहीं है कि पूर्ववर्ती राज्य सरकारों ने पहले ऐसे कार्यक्रम आरंभ नहीं किए थे। इससे पहले भी प्रशासन ने जनता के द्वार, आपकी सरकार आपके द्वार जैसे जन कार्यक्रमों से लोगों तक पहुंचने और उन्हें स्थल पर ही राहत पहुंचाने के प्रयास किए थे, किंतु वर्तमान सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और आधुनिकतम सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल ने इस कार्यक्रम के संचालन और सफलता में चार चांद लगाने का कार्य किया है।


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