जागर पुल, दो तारों के सहारे तीन पंचायतों का बोझ

By: Jul 19th, 2018 12:05 am

 मंडी —मंडी-कुल्लू मार्ग पर मंडी से 13 किलोमीटर दूर नौ मील जागर में ब्यास नदी पर बना पुल इतना जर्जर हो चुका है कि यह कभी भी धराशायी हो सकता है। इससे पहले भी यह पुल 1976 में टूट गया था, जिसमें एक नौजवान की मौत हो गई थी। अब फिर से इस पुल की यही दुर्दशा हो गई है। इसे लेकर इलाके की तीन पंचायतों शिवा, मैहणी व थट्टा के लोगों व बिनौल महिला मंडल ने बुधवार को उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन में कहा गया कि 1976 में टूट जाने के बाद इसका निर्माण 1986 में फिर से किया गया था।  पुल को बने 36 साल हो गए, इसे छह मोटी तारों के जरिए सस्पेंशन निर्माण शैली के माध्यम से बनाया गया है। इन छह मोटी तारों में से चार पूरी तरह से जंग लगने के कारण कट कर अलग हो गई हैं तथा पूरे पुल का वजन केवल दो तारों पर आ गया है। ज्ञापन में कहा गया कि इस पुल से होकर तीन पंचायतों के लगभग 500 लोग रोजाना आर-पार होते हैं। अब इस पुल से गुजरना खतरे से खाली नहीं है और लोगों को आठ किलोमीटर का चक्कर काट कर वाया पंडोह आना पड़ रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ज्ञापन में बताया कि पुल की दुर्दशा को लेकर विभाग को अवगत करवाया गया था तथा मीडिया में भी इसकी दुर्दशा की रिपोर्टें प्रकाशित हुई थी। इसके बावजूद विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, बल्कि पुल पर चेतावनी बोर्ड लगाकर व बांस की बल्लियों से पुल को बंद करके अपने फर्ज से इतिश्री कर ली।  मैहणी पंचायत के प्रधान प्रेम सिंह ने बताया कि उपायुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लोक निर्माण विभाग को आदेश दिया है कि वह इस पुल की तुरंत मरम्मत करें।


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