जीएसटी  से बिजनेस घटा…टेंशन बढ़ी

By: Jul 2nd, 2018 12:05 am

हिमाचल में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू हुए एक वर्ष का समय बीत गया है। मगर अभी भी अधिकतर कारोबारी वर्ग जीएसटी टैक्स को लेकर असमंजसता में है। कारोबारी बोले रहे हैं कि टैक्स लागू करने से कोई लाभ नहीं हुआ है। उल्टे कारोबार घटा है और टैक्स के कारण परेशानियों में और इजाफा आया है। शिमला के कारोबारी इसमें अभी भी सरलीकरण करने की मांग उठा रहे है।  एक वर्ष पूरा होने पर रविवार को हिमाचल फोरम के बैनर तले शिमला के कारोबारियों से जीएसटी के लाभ व परेशानियों पर बात की गई। जिसमें सामने आया कि अधिकतर कारोबारी अभी भी जीएसटी को लेकर असमंजस में है। कुछ ही कारोबार इसे बेहतर मान रहे है

              शिमला से टेक चंद वर्मा की रिपोर्ट

विनोद चौहान का कहना है कि  जीएसटी से व्यवसाए पर काफी प्रभाव पड़ा है। इससे व्यवसाए में 25-30 फीसदी तक की गिरावट आई है। इसके ऊपर टैक्स के लागू होने के पश्चात हर आइटम का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य हो गया है। रिटर्न भरने की तय तिथि नहीं है। टैक्स लागू होने से कारोबारी कागजी काम-काज में ज्यादा उलझ गए है। उनका कहना है कि वह टैक्स के विरोध में नहीं है। मगर इसका सरलीकरण होना चाहिए।

अरुण सूद बताते हैं कि कारोबारी अरूण सूद का कहना है कि जीएसटी से कारोबार में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। जीएसटी के लागू होने के बाद कारोबारियों को तरह-तरह के टैक्सों से छुटकारा मिला है। हालांकि इससे कागजी काम-काज बढ़ा है। मगर वह भी अधिक नहीं है। सरकार को अभी भी टैक्स बाबत कारोबारियों को कार्यशालाएं आयोजित कर जानकारियां देनी चाहिएं ताकि कारोबारियों को पता तो चल सके कि सरकार ने आखिर क्या सोचकर यह लागू किया था। जीएसटी को सरल किया जाना चाहिए और औपचारिकताएं भी कम करनी चाहिएं।

राणा प्रताप सिंह का कहना है कि जीएसटी से एक साल में 20 से 30 फीसदी से व्यवसाए घटा है। टैक्स में पेचीदगियां होने से काराबारी वर्ग उसमें उलझ कर रह गए है। अब कागजी काम काज बढ़ गया है। कारोबारी दुकानों में कम अकाउंटेंट के ज्यादा चक्कर काट रहे है। अभी भी कारोबारियों को इसकी पूर्ण जानकारी नहीं है। सरकार को कारोबारियों को जानकारी जुटाने बाबत कार्यशालाएं लगानी चाहिएं।

अमित गुप्ता का कहना है कि जीएसटी से व्यवसाए पर 30 से 40 फीसदी का असर पड़ा है। टैक्स लागू होने के बाद कारोबार घट गया है। हर चीज पर टैक्स होने के चलते कारोबारियों का प्रॉफिट भी कम हुआ है। अब केवल मात्र कारोबारी कागजी काम-काज में उलझ कर रह गए है। उनका कहना है कि सरकार को जीएसटी में सरलीकरण करने की जरूरत है, ताकि कारोबारियों को थोड़ी राहत मिल सके।

इंद्र जीत सिंह का कहना है कि शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्र जीत सिंह ने कहा कि जीएसटी के सरलीकरण की आवश्यकता है। जीएसटी से व्यवसाय घटा है अभी भी कई कारोबारियों को रिटर्न करने सहित अन्य आवश्यक जानकारी नहीं है। जीएसटी से कारोबारी कागजी काम में फंस गए हैं। उन्होंने सरकार से टैक्स में सरलीकरण की मांग उठाई है ताकि व्यापारी वर्ग को जीएसटी से कोई भी अड़चन न आए।


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