टेक्नोमैक का डीजीएम गिरफ्तार

By: Jul 27th, 2018 12:01 am

धोखाधड़ी की जांच में जुटी सीआईडी को मिली कामयाबी

शिमला— करोडों की धोखाधड़ी करने वाली टेक्नोमैक कंपनी के अधिकारियों पर सीआईडी ने शिकंजा कस दिया है। जांच एजेंसी ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है।कंपनी के डीजीएम राजकुमार सैणी को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है। इससे पहले तात्कालीन एजीएम विवेक गुप्ता, डीजीएम विवेक लाल और कंपनी के निदेशक विनय शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। टेक्नोमैक कंपनी के घोटाले की सीआईडी जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे इस धोखाधड़ी में कई अधिकारियों की भूमिका सामने आ रही है। इसी कड़ी में सीआईडी ने कार्रवाई तेज करते हुए कंपनी के डीजीएम राजकुमार सैणी को गिरफ्तार किया है। सैणी को सीआईडी ने एसपी क्राइम आफिस शिमला में पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां इसको गिरफ्तार कर लिया गया। मूलतः हरियाणा के अंबाला स्थित मुलाना निवासी राजकुमार सैणी पांवटा साहिब में डीजीएम स्टोर के तौर पर तैनात रहा है। सीआईडी की जांच में पाया गया है कि कंपनी द्वारा तैयार किए गए फर्जी बिलों को बनवाने में इसका भी हाथ रहा है। राजकुमार सैणी ने भी कंपनी के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी बिल तैयार किए। सीआईडी की पूछताछ में उसने कबूल किया है कि इसने भी फर्जी बिल तैयार किए थे और इन्हीं बिलों के आधार पर कंपनी ने बैंकों से करोड़ों का ऋण का लिया । कंपनी ने वर्ष 2009 से लेकर 2015 तक उत्पादन ज्यादा दर्शाया। कंपनी ने घोटाला करने के साथ ही आयकर और टैक्स भी नहीं भरा। कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में सीआईडी ने यह चौथी गिरफ्तारी की है। उल्लेखनीय है कि टेक्नोमैक कंपनी ने टैक्स भी नहीं चुकाया और करीब 2100 करोड़ रुपए की राज्य सरकार को भी चपत लगाई। वहीं करीब बैंकों को भी करोड़ों का चूना लगाया गया। बैंकों से लोन फर्जी उत्पादन के आधार लिया गया। इसके लिए कच्चे माल के फर्जी बिल तैयार किए गए और इसकी बिक्री के बिलों को भी फर्जी तरीके से तैयार किया गया। एसपी सीआईडी क्राइम संदीप धवल ने कहा है कि टेक्नोमैक के डीजीएम राजकुमार सैणी को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि फर्जी बिल तैयार करने में राजकुमार सैणी ने अपनी भूमिका कबूली है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App